November 17, 2024

सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल, बच्चों को पढ़ाने के लिए न शिक्षक है, न किताबें!

Chandigarh/ Alive News: हरियाणा में शैक्षणिक सत्र पहली अप्रैल से शुरू हो चुका है। ऐसे में निजी स्कूलों को टक्कर देने का दम भरने वाले सरकारी स्कूलों के हालात बहुत खराब है। आलम यह है कि स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक की पर्याप्त संख्या भी मौजूद नहीं हैं और अभी तक पहली से आठवीं तक के बच्चों को इस शैक्षणिक सत्र में सरकार द्वारा किताबें भी मुहैया नहीं कराई गयी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं, पर्याप्त शिक्षक व किताबें मुहैया कराने का दावा काफी समय से कर तो कर रही है, लेकिन दावे कागजों से निकलकर धरातल पर नहीं पहुंच पा रहे। इस सत्र में सरकार ने स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए नयी नयी नीतियां तो बना ली और बच्चों की संख्या भी बढ़ा ली। लेकिन सरकार द्वारा अभी तक नए शिक्षकों की भर्ति को लेकर न तो कोई ठोस कदम उठाया गया है और नाही कोई नीति बनायीं गयी है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 34 हजार से अधिक पद खाली हैं।
 
ऐसे में शिक्षा के मामले में शिक्षा विभाग का निजी स्कूलों को टक्कर देने का दवा दम तोड़ता नजर आ रहा है।  युक्तिकरण न होने के कारण प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षक कम हैं और इसलिए ज्यादा प्राथमिक स्कूल शिक्षक विहीन है।

आपकों बता दे कि शिक्षा विभाग पहली से आठवीं के बच्चों को निशुल्क किताबें मुहैया कराने के लिए दिसंबर में ही टेंडर कर देता है लेकिन इस बार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और दिसंबर की तो छोड़ो मार्च-अप्रैल तक टेंडर नहीं हुआ और मई में शिक्षा विभाग ने बच्चों को किताबें मुहैया कराने से हाथ खड़े कर दिए।