April 26, 2024

शहर में स्वच्छता अभियान की निकली हवा, आज भी हालात ज्यों के त्यों

Faridabad/Alive News: शहर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। नगर निगम अधिकारी और शहर के समाजसेवी शहर को कचरामुक्त बनाने का हरसंभव प्रयास कर रहे है। लेकिन शहर में इस स्वच्छता अभियान का कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा। शनिवार को भी शहर में जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे दिखाई दिए है जिनमें आवारा पशु पेट भरने के लिए घूमते नजर आए।

दरअसल, निगमायुक्त यशपाल यादव ने स्वच्छता एवं अतिक्रमण मुक्त फरीदाबाद को लेकर ’31 दिसंबर याद है न’ के नाम से अभियान चलाया था। लेकिन इस अभियान की हवा फरीदाबाद की कॉलोनियों में निकलती दिखाई दी। अलाइव न्यूज की टीम स्वच्छता अभियान का सच जानने के लिए ग्राउंड पर उतरी तो अभियान का सच सामने आ गया।

टीम ने पड़ताल में पाया कि शनिवार को पक्की कॉलोनियों में खाली पड़े प्लॉट में कूड़े के अंबार लगे हुए है और एनआईटी फरीदाबाद का दिल कहे जाने वाले नीलम और बीके चौक की सड़क के दोनों ओर रेहड़ी पटरी दुकानदरों का अतिक्रमण साफ दिखाई दिया। पड़ताल के बाद एक कहावत याद आई कि नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी निगम कमिश्नर को बता रहे हैं कि साहब आप डाल डाल तो हम पात-पात हैं।

जानिए शहर के लोगों से स्वच्छता अभियान का सच
नगर निगम कमिश्नर ने स्वच्छता अभियान में माथा देखकर टीका किया है। जिन स्थानों पर सफाई की जरूरत है वहां न तो नगर निगम पहुंचा और न ही वह समाजसेवी जो स्वच्छता अभियान में योगदान का दिखावा कर रहे है।
-कन्हैया, स्थानीय निवासी, मुजेसर।

अपने क्षेत्र में सफाई के लिए हम कई दिनों से धरने पर बैठे है अभी तक नगर निगम आयुक्त ने हमारी सुध नहीं ली है। स्वच्छता अभियान केवल सेक्टरों के लिए है। नगर निगम आयुक्त स्वच्छता अभियान के नाम पर दिखावा कर रहे है। शहर में यदि सच में स्वच्छता अभियान चल रहा होता तो इसका परिणाम भी नजर आता और शुरूआत सेक्टरों की बजाय कॉलोनियों से होती।
-रतनपाल चौहान, समाजसेवी, वार्ड-6

स्वच्छता अभियान से पहले और अब के फरीदाबाद में कुछ खास अंतर नहीं नजर आ रहा है। शहर में पहले भी जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे थे और आज भी हालात ज्यों के त्यों बने हुए है।
कुणाल, स्थानीय निवासी, मुजेसर।

नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान पूरी तरह फेल साबित हुआ है। कॉलोनियों का आज भी बुरा हाल है। स्वच्छता अभियान की शुरूआत कॉलोनियों से होनी चाहिए थी। नगर निगम कमिश्नर काम पर कम और दिखावा पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
-अभिषेक गोस्वासी, समाजसेवी, वार्ड-8