May 12, 2024

विवादों में फंसी टीजीटी पीजीटी भर्ती, लेटर भेजने के बाद भी नहीं हुई शिक्षकों की नियुक्ति

Chandigarh/Alive News: हरियाणा कौशल रोजगार निगम की टीजीटी-पीजीटी भर्ती विवादों में घिर गई है। मानदंड और चयन प्रक्रिया सार्वजनिक नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में रोष है। आरोप है कि भर्ती को लेकर निगम ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। किस पद के लिए कितने आवेदन आए और चयन का आधार नहीं बताया है। मेरिट के बावजूद काफी युवाओं का चयन नहीं हो पाना संदेह पैदा करता है। अभ्यर्थी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।

हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने अक्तूबर माह में करीब प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) व स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) के सात हजार पदों पर भर्ती निकाली थी। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, साइंस, संस्कृत, पंजाबी, शारीरिक शिक्षा, संगीत, मैथेमेटिक्स, गृह विज्ञान, कलां व सामाजिक विज्ञान समेत 12 विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।

4144 अभ्यर्थियों को जॉब ऑफर लेटर दिए जा चुके हैं। 23 नवंबर को 2075 और 2 दिसंबर को 2069 टीजीटी-पीजीटी अध्यापकों को लेटर भेजे गए हैं। इनकी रजामंदी के बाद स्कूलों में तैनात किया जाएगा। बाकी को भी जल्द नियुक्ति दिए जाने की तैयारी है। इससे पहले ही भर्ती विवादों में घिर गई।

शिक्षक के तौर पर चयनित अभ्यर्थी भी कौशल रोजगार निगम की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि 200-200 किलोमीटर दूर स्टेशन दिए जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र की एक महिला अध्यापक ने बताया कि उसे मेवात का स्टेशन दिया गया है। इसी प्रकार, कैथल, करनाल के अभ्यर्थियों को हिसार, महेंद्रगढ़ और नारनौल समेत पलवल के स्कूलों में नौकरी करने के लिए कहा गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले निगम का दावा था कि आवेदकों को उनके जिलों में ही तैनात किया जाएगा लेकिन अब वादा नहीं निभाया जा रहा है।

अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि भर्ती में टीचिंग के अनुभव प्रमाण पत्रों और आय की सत्यापन के लिए कोई जांच नहीं की गई। जिस भी अभ्यर्थी ने अपना डाटा भर दिया, निगम ने उसे उतना ही मान लिया। आरोप है कि काफी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनके घर पहले से नौकरी है और उन्होंने अपनी आय 1.80 लाख से भी नीचे दिखाई है। अभ्यर्थियों ने मांग है कि नियुक्ति देने से पहले इस दस्तावजों और सालाना आय का सत्यापन कराया जाए।