Chandigarh/Alive News: शिक्षा निदेशालय के अनुसार राजकीय स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की मासिक अप्रेजल रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य होगा। जब तक मुखिया इसका पर्यवेक्षण नही करेंगे, तब तक यह रिपोर्ट मान्य नहीं होगी। इस पर टिपण्णी करनी जरूरी होगी और शिक्षकों की अप्रेजल रिपोर्ट तैयार न करने वाले प्रिंसिपलो का डीईओ वेतन भी रोक सकता है।
विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी रिर्पोट में बताया गया है कि मुखिया अध्यापकों की डायरी का अध्ययन नही कर रहे है। जिसके कारण शिक्षक भी अपनी डायरी तैयार करने में गंभीर नहीं दिखाई दे रहे है। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने डीईओ को आदेश दिया है कि वह प्रत्येक स्कूल के प्रिंसिपल को निर्देश दे कि वह हर शिक्षक की क्लास का अवलोकन करें। इसके साथ ही उनके पढ़ाने के तरीके को देखे और उनके पठन पाठन के तरीके पर अपनी टिपण्णी दे। इसके अलावा कक्षाओं में कुछ देर समय बिताए और यह भी तय करे कि जिस विषय का शिक्षक है वह उसी विषय को पढ़ाए।इसके साथ ही स्कूल में उपयोग की जाने वाली सहायक सामग्री जैसे डिजिटल बोर्ड, टैबलेट प्रतियोगिता इत्यादि पर भी अपनी मंथली रिपोर्ट देंगे। साथ ही प्रिंसिपल भी स्कूलों में अपने विषय को पढ़ाएंगे।
अगर प्रिंसिपल अपने विषयों को स्कूलों में नहीं पढ़ाते है तो डीईओ को कार्यवाही का पूरा अधिकार होगा। मुखिया टीचर्स की मासिक अप्रेजल के लिए मासिक रिपोर्ट अवसर पोर्टल और टैबलेट पर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। जिसके एडमिन उस जिले के डीईओ को बनाया जायेगा।