November 17, 2024

विद्यार्थी के जीवन की दिशा और संस्कार का निर्माता है शिक्षक: भारद्वाज

Faridabad/Alive News: कोरोना वैश्विक महामारी ने विगत वर्षों में अनेक तरह की परेशानियों सामना समाज कर रहा हैं। कोरोना के प्रकोप से शिक्षा का क्षेत्र सर्वाधिक रूप से प्रभावित है। विधार्थी शिक्षा समाज व राष्ट्र की प्रगति का एक मूल आधार स्तंभ है। वर्तमान में शिक्षा पद्धति में संसाधनों व तकनीक की समस्या के कारण विद्यार्थी को शिक्षा संबंधित अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे विधार्थियों की शिक्षा प्रभावित न हो और कोई भी विद्यार्थी किसी भी विषय का शिक्षक न मिलने के करना अपने आपको शिक्षा से वंचित न समझे।

संघ द्वारा संचालित इस विधार्थी शिक्षा सेवा आयाम का मूलमंत्र होगा ‘कोरोना से न डरेंगे, हर हाल में पढ़ेंगे’। इसमें कोरोना शिक्षक योद्धा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जिसमें कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों हेतु अपने-अपने स्थान पर प्रत्यक्ष कक्षा और कक्षा 9 से 12 तक के सभी संकाय के विद्यार्थियों को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, राजनीतिक विज्ञान, गणित, इंग्लिश सहित अन्य विषयों की प्रांत द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई होगी।

युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विवेकानंद ई- लर्निंग गुरुकुल का शुभारंभ वेबिनार के माध्यम से किया गया है। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्रीय संघचालक सीताराम व्यास का उद्बोधन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर ऋषि गोयल, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा की गई।वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता सीताराम व्यास ने कहा कि संकटकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना-रचना से शुरु किए गए विवेकानंद ई- लर्निंग गुरुकुल बहुत ही प्रशंसनीय है।

भावी पीढ़ी बिना अवरोध के निरंतर ज्ञान प्राप्त करती रहे। यही गुरुकुल के अंतर्गत गुरु-शिष्य के संबंध की व्याख्या है। उन्होंने लघु कथाओं और प्रसंग संस्मरण के माध्यम से गुरुकुल की परिभाषा अभिव्यक्त करते हुए संवेदना और संस्कार को शिक्षा का महत्वपूर्ण तत्व बताया। व्यास ने विद्यार्थियों के लिए देशभक्ति का भाव जागृत कर उसे आचरण मे लाना, कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करना, स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना बताया।

कोरोना शिक्षक योद्धा निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
आरएसएस द्वारा विधार्थी शिक्षा सेवा आयाम में कोरोना शिक्षक योद्धा के रूप में प्रत्येक जिला केंद्र से अध्यापकों की सूची तैयार की गई है । शिक्षा सेवा केंद्र में दसवीं कक्षा, ग्यारहवीं, बारहवीं, बीएड, जेबीटी, स्नातकोत्तर विधार्थी, अध्यापक, सेवानिवृत अध्यापक, ज्वाइन आरएसएस की सूचि, कॉलेज विद्यार्थी कार्य से जुड़े स्वयंसेवक और राष्ट्र सेविका समिति के साथ मिलकर माताओं और बहनों को भी इस कार्य से जोड़ा गया है।

9 से 12 वी कक्षाओं को ऑनलाइन पढ़ाने के लिए 120 शिक्षकों ने और शिक्षण प्राप्त करने वाले 1400 विद्यार्थियों गूगल फार्म पर पंजीकरण कराया है। विवेकानंद ई लर्निंग गुरुकुल में कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ऑफ़लाइन और कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान,राजनीतिक विज्ञान, गणित, इंग्लिश, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, भूगोल जैसे विषय की ऑनलाइन पढ़ाई होगी।

सेवा बस्ती, कोई सार्वजनिक स्थान, बस्ती या शाखा और घर को ही केंद्र मानकर छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए प्रत्यक्ष रूप से चलने वाले इन शिक्षा सेवा केंद्रों में चार- पांच के समूह में विद्यार्थियों को शिक्षक पढ़ाएंगे। प्रांत के सभी जिलों ने व्यापक स्तर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।

दूसरे सत्र में मुख्य वक्ता रहे विद्या भारती के प्रांत अध्यक्ष, सेवानिवृत शिक्षाविद देव प्रसाद भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के कारण शिक्षण एवं अध्ययन के नये तौर- तरीके के महत्व पर प्रकाश डालते हुए 6 से 8वी कक्षाओं के विद्यार्थियों को अपने-अपने स्थान पर छोटे-छोटे समूहों में प्रत्यक्ष पढ़ाने के प्रयास को बेहतर बताया। उन्होंने कहा वास्तव में यह शिक्षा को सामान्य विद्यार्थी तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास सिद्ध होगा। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. जगबीर सिंह,अध्यक्ष हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने की।

कार्यक्रम में पंचकूला से शिक्षिका भावना, नरवाना से डॉ कृष्णचंद, कुरुक्षेत्र से सरला और यमुनानगर से बारहवीं कक्षा की विद्यार्थी तनु ठाकुर ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कल्याण मंत्र के साथ विद्यार्थी शिक्षा सेवा आयाम बेबिनार संपन्न हुआ। इसमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय, प्रांत कार्यवाह सुभाष चंद्र, सहप्रांत कार्यवाह प्रताप सिंह और अध्यापक एवं विद्यार्थियों सहित 251 की सहभागिता रही।