May 9, 2024

Hindi Editorial

जलवायु परिवर्तन लाएगा लगभग 20 प्रतिशत कमाई में कमी!

वायुमंडल में पहले से मौजूद ग्रीनहाउस गैसों और सामाजिक-आर्थिक जड़ता के चलते, आने वाले 50 सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था औसतन 19 प्रतिशत आय में कमी की ओर अग्रसर है। इस कमी का असर लगभग सभी देशों में देखने को मिलेगा। भारत की बात करें, तो यह आंकड़ा 22 प्रतिशत हो जाता है, जो कि वैश्विक […]

वीर जवानों के बलिदान का मोल क्या हम समझ पाएं?

अमर जवान का नाम आते ही हमारे जेहन में जो तस्वीर उभरकर आती है वह साहस, जुनून, अनुशासन, देशभक्ति से भरपूर देश के रक्षक की छवि। देश में सबसे ज्यादा सन्मान लोगो के दिलो में देश के वीर जवानों के लिए ही होता है। देश के जवान किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए सर्वदा […]

भारत का खनिज क्लब में शामिल होना क्यों है ख़ास, पढ़िए

इधर भारत अमेरिका की अगुवाई वाली खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) में शामिल हुआ और उधर मुंबई की एप्सिलॉन एडवांस्ड मैटेरियल्स (ईएएम) अमेरिका में बैटरी सामग्री इकाई स्थापित करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के ठीक बाद हुई यह घोषणा विशेष महत्व रखती […]

पेरिस शिखर सम्मेलन, क्या नई वैश्विक वित्त प्रणाली की ओर पहला कदम बनेगा?

पेरिस में सम्पन्न हुई समिट फॉर न्यू ग्लोबल फाइनेंसिंग पैक्ट को दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े नियमित जलवायु सम्मेलन (सीओपी), जी7 और जी20 सम्मेलनों के अलावा एक और अंतरराष्ट्रीय बैठक के रूप में देखा जा सकता है। मगर इसमें कुछ खास था और इससे कई उम्मीदें भी बंधती दिखती हैं। पेरिस ने इस […]

प्राकृतिक आपदा को लेकर अब वर्ल्ड बैंक करेगा दुनिया की मदद

दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते हमले से निपटने के लिए, वर्ल्ड बैंक समूह ने देशों को तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में मदद करने के उद्देश्य से कई नए और विस्तारित उपायों की घोषणा की है। यह घोषणा विश्व बैंक प्रमुख, अजय बंगा, ने पेरिस में चल रही समिट फॉर […]

जीवाश्‍म ईंधन से जुड़ी उधारी पड़ रही है नेट ज़ीरो उम्‍मीदों पर भारी

वैश्विक मामलों के थिंकटैंक ओडीआई की एक ताजा रिसर्च में यह बात सामने आई है कि निम्न और मध्यम आमदनी वाले देशों में जीवाश्म ईंधन के खनन से संबंधित कर्ज के कुचक्र से वैश्विक स्तर पर एनेर्जी ट्रांज़िशन को खतरा उत्पन्न हो रहा है। कर्ज का बोझ पड़ने पर यह देश तेल तथा गैस के […]

न्‍यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन बने जन सरोकार का मुद्दा- विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का मानना है कि वर्ष 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्‍य हासिल करने के लिये भारत को न्‍यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन को जन सरोकार का मुद्दा भी बनाना चाहिये। इस ट्रांज़िशन के लिये क्‍लाइमेट फाइनेंसिंग को भी कई गुना बढ़ाना होगा। ग्लोबल फाइनेंस आर्किटेक्चर और ग्रीन क्लाइमेट फंड में निजी वित्त का प्रवाह बनाया जाना […]

सोलर क्षमता से जुड़ने से 2030 तक लग सकती है ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम

एक नए विश्लेषण से यह पता लगता है कि कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल (सीडीआर) तकनीक के कम से कम इस्तेमाल और सस्टेनेबिल तरीक़े को अपनाकर अगर हम ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना चाहते हैं तो 2030 तक पांच गुना तेज़ दर से हमें 1.5 टेरा वाट (TW) नई विंड और सोलर ऊर्जा […]

बुजुर्गों पर बढ़ता दुर्व्यवहार, संस्कारहीन समाज की पहचान

आज के आधुनिक युग में समाज तेजी से बदल रहा है, लोग बड़े परिवार से छोटे-छोटे परिवार में विभक्त हो रहे है। युवा पीढ़ी को अपने मॉडर्न सोच पर गर्व महसूस होता है, वे अलग रहना पसंद करने लगे है, लोगों को अपना व्यक्तिगत स्वतंत्र स्थान चाहिए। बाहर पढ़ने जाना है, नौकरी करने जाना है, […]

बिना कानूनी बाध्यता के दुनिया नहीं हासिल कर पाएगी जलवायु लक्ष्य

प्रतिष्ठित जर्नल साइंस में प्रकाशित, इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में हुए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि जब तक कानूनी रूप से और अधिक बाध्यकारी और सुनियोजित नेट ज़ीरो नीतियाँ नहीं होंगी, दुनिया के तमाम देश अपने प्रमुख जलवायु लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे। शोधकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक स्तर पर […]