New Delhi/Alive News : देश में जहां कोरोना तेजी से फैलता नजर आ रहा है, वहीं वैक्सीनेशन के बाद मरीजों के आंकड़ों में गिरावट भी दर्ज की गई है. ऐसे में केंद्र सरकार ने सोमवार को एक प्रेस मीटिंग के दौरान बताया कि भारत में पिछले 17 दिनों में दैनिक नए कोविड- 19 मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है. केंद्र ने मीटिंग के दौरान कहा कि पिछले 15 हफ्तों में किए गए कोविड टेस्ट की संख्या में 2.6 गुना वृद्धि हुई है. इसके साथ ही पिछले दो हफ्तों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट में भी लगातार गिरावट दर्ज की गई है.
हालांकि, नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में इसके लक्षण देखे गए हैं. ऐसे लोगों का तुरंत इलाज करने की आवश्यकता है.
एम्स प्रमुख के अनुसार, अगर शरीर में लक्षण 4 से 12 सप्ताह तक बने रहते हैं, तो इसे ऑनगोइंग पोस्ट-कोविड एक्यूट सिंड्रोम कहते हैं. अगर लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक देखे जाते हैं, तो इसे पोस्ट-कोविड सिंड्रोम या लॉन्ग कोविड कहा जाता है.
सीने में दर्द
डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, सांस लेने में कठिनाई होना सबसे आम पोस्ट-कोविड लक्षणों में एक है. इसके अलावा, नॉर्मल लंग कैपेसिटी (यह हवा की अधिकतम मात्रा है जिसे फेफड़े समायोजित कर सकते हैं) होने के बावजूद कुछ लोगों को चलने में कठिनाई होती है, सीने में दर्द, जकड़न और थकान की शिकायत होती है. ये कुछ सामान्य पोस्ट-कोविड लक्षण हैं जिन पर सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है.
कोविड
कुछ लोगों को कोविड-19 से रिकवर होने के बाद भी कई हफ्तों तक खांसी बनी रहती है और हाई पल्स रेट का अनुभव होता है. गुलेरिया के अनुसार, ये सामान्य लक्षण शरीर के इम्यून सिस्टम या बॉडी इंफ्लैमेटरी रिस्पॉन्स के कारण हो सकते हैं.
मल्टीडिसिप्लिनरी
क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम (एक ऐसी बीमारी है जिसमें बिना किसी श्रम के व्यक्ति को थकावट महसूस होती है), उन लोगों में भी देखा जाता है जो कोविड-19 से रिकवर हो चुके हैं. ऐसे लोगों को जोड़ों में दर्द, थकान, शरीर में दर्द, सिरदर्द की शिकायत होती है. इसके लिए इलाज की आवश्यकता है. एम्स प्रमुख ने कहा कि रिकवरी दर बढ़ने के साथ ही मल्टीडिसिप्लिनरी पोस्ट कोविड क्लीनिक विकसित करने की भी आवश्यकता है.
‘ब्रेन फॉग’
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर कोविड- 19 से रिकवर हुए मरीजों में एक अलग किस्म की बीमारी देखी जा रही है जिसे ‘ब्रेन फॉग’ का नाम दिया जा रहा है. ब्रेन फॉग से लोगों में एकाग्रता की कमी पाई जा रही है, अनिद्रा और अवसाद जैसी समस्याएं पैदा हो रही है.
रिहैबिलिटेशन
कोविड- 19 के लक्षणों से जूझ रहे लोगों के लिए रिहैबिलिटेशन (स्वस्थ या अच्छी जीवनशैली में लौटने की प्रक्रिया) की व्यवस्था करनी चाहिए. इसके साथ ही मरीजों के लिए मल्टीडिसिप्लिनरी पोस्ट-कोविड क्लीनिक स्थापित करने चाहिए ताकि रिकवरी रेट में वृद्धि हो सके.