May 20, 2024

बच्चों की आंखों की रोशनी कम होने का राज खोला आई स्पेशलिस्ट ने, पढ़िए खबर

Health/Alive News: आंखें शरीर का सबसे नाजुक और कोमल अंग है। आजकल कम उम्र में ही बच्चों की आंखें खराब होने लगती हैं। वजह है लगातार गैजेट्स से घिरे रहना। ऐसे में इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है। बढ़ते मोबाइल उपयोग और डिजिटल डिवाइस के संपर्क से आंखों पर सबसे ज्यादा खतरा आया है। लगातार आंखें कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन, मोबाइल, टीवी आदि पर टिकी रहती हैं। आंखों को आराम नहीं मिल पाता है। आंखों में दर्द, आंखों से पानी आना, ड्राई आई, दूर का कम दिखना, पास का देखने में परेशानी, सिरदर्द, कभी-कभी कोई चीज दो दिखाई पडना, बल्ब या रोशनी के चारों तरफ गोल आकार दिखना आदि समस्या का होना। इसके अलावा छोटी सी उम्र में बच्चों की आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ जाता है।

आई स्पेशलिस्ट इसका एक बड़ा कारण बताते हैं कि बच्चों में बाहर खेलने की आदत बहुत कम होती जा रही है। वे घर पर ही विडियो गेम और स्मार्टफोन में बंधकर रह गए हैं। इसको लेकर हमारे संवाददाता ने फरीदाबाद के आस्था आई सेन्टर की आई स्पेशलिस्ट डॉ आकृति से आंखों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की।

डॉ आकृति ने बताया कि आखें कमजोर होने या फिर कम दिखाई देना, सिर दर्द होने की समस्या बनी रहना, धुंधला दिखना यानी रेटिना खराब होने के संकेत हो सकते है। इसको व्यक्ति नजरअंदाज करता रहता हैं।

उन्होंने बताया कि कई बार आंखें खराब होने से पहले या कमजोर होने से पहले आंखों पर दबाव महसूस होता है, जिस कारण कुछ देखने का मन नहीं करता हैं और आंखों पर भारीपन और सिर में भी भारीपन लग सकता है। आंखों के कमजोर हो जाने पर सिर के पीछे हल्का दर्द होता रहता है। ये शुरूआती लक्षण होते है।

उन्होंने सुझाव के एक सवाल पर कहा कि बच्चों को ज्यादा देर तक टीवी नही देखने दें, मोबाइल चलाने और वीडियो गेम खेलने से रोकना चाहिए, नजदीक से टीवी न देखने दे, बच्चों को लेटकर या फिर बहुत करीब से किताब पढ़ने से रोकें, बच्‍चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देकर और खाने में पौष्टिक खाद्य-पदार्थ की ज्‍यादा मात्रा में शामिल करके बचा जा सकता है।

डॉ आकृति ने बताया कि 3 वर्ष के बाद बच्चें की आंखों की नियमित जांच करवाएं। चश्मा लगा हो तो चश्मा लगा के रखे जिससे नम्बर ना बढ सके। उन्होंने बताया कि आंखों के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे ज्यादा फायदेमंद होती हैं, पालक में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जिसे शरीर व मष्तिष्क का विकास होता हैं। विटामिन-ए भी आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छा स्रोत है। गाजर, नारंगी, सब्जी जैसे शकरकंद और कद्दू भी अच्छे स्रोत होते हैं। संतरा, नींबू और अंगूर विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो आंखों की ब्लड सेल्स को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।