साल का पहला सूर्यग्रहण अब से कुछ ही देर में शुरू होने वाला है। लेकिन इसका भारत के में कोई असर नहीं होगा और ना ही यहां ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। लेकिन आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिल सकता है। यह सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आ सकता है। ग्रहण दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से आरम्भ होकर शाम के 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का दृश्य क्षेत्र अमेरिका, यूरोप, उत्तरी कनाडा, एशिया, रूस और ग्रीनलैंड में मान्य होगा। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार भारत में यह अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ भागों में दिखाई दे सकता है।
मान्यता के अनुसार ग्रहण एक अशुभ समय होता है। ग्रहण का असर केवल मनुष्यों पर ही नहीं, बल्कि देवी-देवताओं पर भी पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता है। ग्रहण समाप्ति के बाद देवी-देवताओं को गंगाजल से पवित्र किया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार साल 2021 में कुल 4 ग्रहण हैं। 2 सूर्य ग्रहण और बाकी 2 चंद्र ग्रहण। पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को है, जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा। वहीं पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लग चुका है और दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा।
अब से कुछ घंटों बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण करीब पांच घंटों तक लगा रहेगा। ग्रहण की शुरूआत भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से होगी तो वहीं ग्रहण का समापन शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा। इस ग्रहण की कुल समयावधि 5 घंटे होगी। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर आज सूर्यग्रहण लगने के साथ ही शनि जयंती और वट सावित्री व्रत हर साल मनाए जाते हैं। शनि जयंती को लेकर ये मान्यता है कि इस तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। वहीं अखंड सौभाग्य के लिए जयेष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत रखने की मान्यता है।