December 21, 2024

बदलते शैक्षणिक परिवेश में शिक्षकों का कौशल विकास महत्वपूर्णः कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

Faridabad/Alive News: जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा अपने शिक्षकों, विशेष रूप से नवनियुक्त शिक्षकों के कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए एक सप्ताह का ऑनलाइन व्यावसायिक विकास कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

कार्यक्रम को गुणवत्ता अनुसंधान और शिक्षण कौशल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है ताकि शिक्षकों को शिक्षण व अध्ययन के परिणामों को प्राप्त करने में आसानी हो। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से 60 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल मुख्य अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गणित विभाग की अध्यक्ष प्रो. नीतू गुप्ता द्वारा किया जा रहा है।

सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि यदि शिक्षकों को सीखने के निरंतर अवसर और व्यावसायिक विकास संसाधन उपलब्ध करवाये जाये तो वे एक अच्छे शिक्षक के रूप में तैयार होते है जोकि अध्ययन के वांछित परिणाम प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नए और अनुभवी शिक्षकों को न केवल कक्षा में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करते है बल्कि कौशल विकास द्वारा उनके करियर को आकार भी देते है।

कोविड -19 महामारी के कारण शिक्षण-अध्ययन के नये तौर-तरीके के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि महामारी ने पूरी शिक्षण प्रक्रिया को ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिया है। इसलिए, शिक्षकों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों को जोड़े रखने के लिए आवश्यक शिक्षण कौशल प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. एस. पी. बंसल ने शिक्षकों से संवाद करते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा हालिया शैक्षणिक एवं ढांचागत प्रगति पर बधाई दी।

इससे पूर्व प्रो. नीतू गुप्ता ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण-अध्ययन की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए व्यवसायिक कौशल प्रदान करना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम नए शिक्षण कौशल या मूल्यांकन तकनीकों के विकास में योगदान देगा तथा उनकी शैक्षिक प्रतिबद्धता को बढ़ायेगा।

विश्वविद्यालय के अलावा, आईआईएम कोझीकोड, एनआईटीटीटीआर चंडीगढ़, सीआईटी बैंगलोर, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, एमडीयू रोहतक और अग्रवाल कॉलेज, बल्लभगढ़ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से विशेषज्ञ वक्ता सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।