May 2, 2024

सावन का दूसरा सोमवार आज, भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए उमड़े भक्त

New Delhi/Alive News : कोरोना वायरस के संक्रमण काल के बीच आज सावन का दूसरा सोमवार मनाया जा रहा है. सावन के सोमवार शिव की भक्ति का सबसे अच्छा और प्रिय दिन मना जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार के दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की अपार कृपा मिलती है. माना जाता है कि भगवान शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर प्रजापति में ही निवास करते हैं और यही से सृष्टि का संचालन करते हैं. सावन में जलाभिषेक करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते है और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं.

हरिद्वार के दक्षेश्वर प्रजापति महादेव समेत अन्य शिव मंदिरों में भी आज भोले के भक्त शिव का जलाभिषेक करने के लिए उमड़े. भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने लाइन लागकर शंकर भगवान की पूजा की. सावन में इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कावड़ यात्रा प्रतिबंधित की गई जिसके चलते मन्दिर में कावड़िये नहीं आ रहे हैं और केवल स्थानीय लोग ही मंदिर पहुंच रहे हैं.

दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि दक्ष भगवान शिव की ससुराल है. भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय गंगा जल है और श्रावण के महीने में लोग अपनी श्रद्धानुसार भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करते हैं. बेल पत्र ,धतूरा, फूल, फल गिलोय आदि से अभिषेक करते हैं और भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.

पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि सावन में भगवान शंकर यहीं अपनी ससुराल में रहते हैं. भगवान शिव ने अपने ससुर को और सभी देवी देवतायों को यह वरदान दिया था कि सावन में महीने में सती की कमी की पूर्ति के लिए कनखल में ही निवास करूंगा और राजा दक्ष के ही नाम से जाना जाऊंगा, इसलिए उन्हें दक्षेश्वर नाम से भी जाना जाता है. इसलिए इस जगह का श्रावण के महीने में बहुत ज्यादा महत्व है.

सावन के महीने में लोग सुबह-सुबह ही शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए निकल पड़ते है . माना जाता है कि शिव भोले है और जो कोई भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है उसकी मनचाही कामना पूरी होती है. कनखल में शिव की ससुराल है और शिव की ससुराल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सावन में ओर सोमवार को जलाभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है. मानते हैं कि सावन के माह में भगवान शिव कनखल में ही विराजते हैं और उनसे जो मांगों वो उसे पूरा करते है.

वहीं आज सावन के दूसरे सोमवार पर उज्जैन के महाकाल में भस्मा आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहा. आज सिर्फ सुबह 5 से दोपहर 1 बजे और शाम 7 से 9 बजे तक प्री बुकिंग से ही बाबा के दर्शन हो सकेंगे. आज सुबह 2:30 बजे खोले गए महाकाल के पट खोले गए और पुजारियों ने दूध ,दही ,शहद ,घी और पंचामृत से बाबा का अभिषेक किया.

वहीं वाराणसी में भी भक्तों ने भी सावन के दूसरे सोमवार पर गंगा में डुबकी लगाई. भक्तों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में लाइन लगाकर भोलेनाथ की पूजा की.