Faridabad/Alive News: उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि जिला में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से अनुसूचित जाति के परिवारों को स्वरोजगार स्थापित कर उनकी आय में वृद्धि करने के लिए ऋण मेलों का आयोजन किया गया है। जिनके माध्यम से उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया और बैंकों के अधिकारियों के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने के लिए अनुसुचित जाति के लोगों के आवेदन भी लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला के गांव के विभिन्न गांवों में ऋण मेलों का आयोजन करके अनुसूचित जाति के परिवारों का जिला प्रबंधक अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास विभाग द्वारा आयोजन आवेदन लिए गए हैं। इन ऋण मलों में बैंकों का सहयोग लिया गया है। बैंक अधिकारियों द्वारा मेलों में साथ जाकर लोगों के आवेदन लिए गए हैं।
हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम जिला प्रबंधक जगरुप सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की सहायता से निगम द्वारा अनुसूचित जाति के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों जिन परिवारों की वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है। उन परिवारों को रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्र के 56 लोगों ने आवेदन दिए हैं।
वह परिवार तीन लाख रुपये तक की धनराशि तक का रोजगार चला सकते हैं। इनमें एक लाख 50 हजार रुपये तक की धनराशि निगम द्वारा अनुदान स्वरूप प्रदान की जाएगी और जबकि एक लाख 50 हजार रूपये की धनराशि स्वयं आवेदक द्वारा वहन की जाएगी। इसके लिए अनुसुचित जाति के लोग बैंड बाजा, फोटोग्राफी, ब्यूटी पार्लर, स्टेशनरी व किताबों की दुकान, आटा चक्की, कंप्यूटर का कार्य, फोटोस्टेट कम एसटीडी बूथ, ऑटो रिपेयर, मोबाइल मरम्मत तथा ऑटो डीजल इत्यादि के कार्यों के लिए ऋण ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अनुसुचित जाति के रोजगार के लिए अनुदान की अधिकतम सीमा ₹10 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है तथा अनुदान राशि उन्हीं व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिनके नाम बीपीएल सर्वे सूची में अंकित हो। उन्होंने बताया कि ऋण की ब्याज दर चार से 10 प्रतिशत तक स्कीम के अनुसार वार्षिक है। ऋण की वसूली मासिक त्रैमासिक और 6 मासिक ली जाती है।