May 5, 2024

‘साक्षी सौरोत’ ने नेशनल स्केटिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

हाईस्पीड के दम पर डी.सी.मॉडल स्कूल की छात्रा साक्षी ने किया शहर का नाम रोशन

Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad : स्केटिंग में तेज रफ्तार के दम पर प्रदेश भर में शहर का नाम रोशन करने वाली 10 वर्षीय साक्षी सौरोत ने एक बार फिर नेशनल लेवल पर खेलते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। सैक्टर-9 डी.सी.मॉडल स्कूल की छात्रा साक्षी ने सीबीएसई द्वारा आयोजित इंटर स्कूल स्पोटर्स एंड गेम्स चैंपियनशिप में अपने प्रतिद्वंद्वियों को करारी मात देते हुए फस्र्ट पोजीशन प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन, दिल्ली द्वारा सामा बढ़ोदरा के उर्मी स्कूल में चार दिवसीय इंटर स्कूल स्पोटर्स एंड गेम्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेशभर से आए हुए लगभग 800 खिलाडिय़ों ने भाग लिया। लेकिन साक्षी ने अपनी सुझबूझ और तेज रफ्तार के दम पर अंडर-12, 1000 मीटर स्केटिंग प्रतियोगिता में जीत हासिल करके पूरे प्रदेश भर में अपना परचम लहराया और अपने अभिभावकों का सिर गर्व से ऊपर किया है।

साक्षी का ड्रीम
गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी का कहना है कि इंटरनेशनल लेवल पर खेलना और देश का नाम रोशन करना ही मेरा ड्रीम है और मैं अपने ड्रीम को हासिल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही हूं। स्केटिंग मेरा ख्वाब और मेरा पैशन है और मैं इसमें कामयाबी हासिल करके ही रहूंगी, चाहे इसके लिए मुझे कितनी ही मेहनत क्यों न करनी पड़े।

क्या कहते हैं कोच?
डी.सी.मॉडल स्कूल के कोच एच.सी.शर्मा ने बताया कि साक्षी इंटरनेशनल लेवल पर अपनी जगह बनाना चाहती है, इसके लिए वह रोज 5 किलो.मी. ग्राऊड और 30 किलो.मी. स्केटिंग प्रेक्टिस करती है। स्कूल साक्षी को वह सारी सुविधाएं मुहैया कराता है जिसकी उसे आवयश्कता है। इसके साथ ही उस पर पढ़ाई का कोई एक्ट्रा बर्डन नहीं डाला जाता है।
-वहीं दीक्षा कोचिंग एकेडमी के कोच प्रदीप भाटी का कहना है कि साक्षी उनसे स्केटिंग की ट्रेनिंग पिछले 6-7 माह से ले रही है, उसमें सिखने की लगन के साथ ही उसका कॉन्फिडेंस लेवल काफी हाई है और वह अपने गोल से कभी पीछे नहीं हटती है, इस लिए वह कोचिंग में बाकी ट्रेनर खिलाडिय़ों के लिए चुनौती बनी रहती है।

क्लीनिक रोजगार का साधान
साक्षी के पिता सतीश कुमार का कहना है कि वह बेटी की इस जीत से काफी खुश है और अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर उसे खेलते हुए देखना चाहते है। उन्होंने बताया कि वह होडल के रहने वाले है और पिछले 15-16 सालो से बाटा चौक की स्लम बस्ती में परिवार के साथ गुजर बसर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका एक क्लीनिक(सौरात क्लीनिक) है जोकि परिवार के रोजगार का एक मात्र साधन है। उन्होंने बताया कि साक्षी की प्रेक्टिस के लिए उन्हे सुबह 4 बजे से 6 बजे तक ग्राउड प्रेक्टिस के लिए नोएडा और कभी सैक्टर-12 खेल परिसर ले जाना होता है और वहीं शाम की प्रेक्टिस जोकि शाम 6 बजे से लेकर 8 बजे तक होती है इसके लिए उसे रोज दिल्ली (जसोला)लेकर जाना होता है। उन्होंने बताया कि साक्षी स्केङ्क्षटग को तैयार काफी गंभीर है और इंटरनेशनल गेम्स में पहुंचना चाहती है, हम उसकी इस कामयाबी से काफी खुश है।

स्कूल में अच्छा प्रदर्शन
डी.सी.मॉडल स्कूल के डायरेक्टर पवन गुप्ता और स्कूल की प्रिंसीपल ज्योति गुप्ता ने साक्षी की इस जीत पर उसे बधाई दी और साथ ही उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। स्कूल की प्रबंधिका आस्था गुप्ता ने बताया कि साक्षी खेल के साथ ही पढ़ाई में भी उतनी ही एक्टिव है, जितनी की गेम्स में है, इसके साथ ही वह हमेशा अच्छे माक्र्स लेती है। उन्होंने बताया कि साक्षी को स्कूल की तरफ से हर सुविधा मुहैया कराई जाती है और उसकी फ्री एजुकेशन के साथ ही उसे स्कोलरशीप भी दी जा रही है। स्कूल इस तरह के होनहार छात्रों को सम्मानित करने के साथ ही उनकी आर्थिक मदद भी करता है।