New Delhi/Alive News: रूसी सेना ने लगातार दूसरे दिन लंबी दूरी की हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों से यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि सेना ने किंझाल हाइपरसोनिक मिसाइल से काला सागर तट पर यूक्रेन के ईंधन डिपो पर हमला किया है। यूक्रेन का यह ईंधन डिपो मायकोलेव बंदरगाह के पास कोस्तियनतिनिवका में मौजूद है।
जानकारी के मुताबिक रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए लगातार दूसरे दिन किंझल मिसाइल का इस्तेमाल किया। मालूम हो कि यह मिसाइल ध्वनि से 10 गुना ज्यादा रफ्तार से दो हजार किलोमीटर दूरी तक मौजूद दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त कर सकती है। एक दिन पहले ही रूसी सेना की ओर से पश्चिमी यूक्रेन के कार्पेथियन में डिलियाटिन के आयुध डिपो पर किंझल मिसाइल से हमला किए जाने का दावा किया गया था। रूस की ओर से पहली बार किंझल मिसाइलों का युद्ध में इस्तेमाल किया गया था।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ईंधन डिपो पर हमले में कैस्पियन सागर से रूसी युद्धपोतों से छोड़ी गई कलिब्र क्रूज मिसाइलें भी शामिल थीं। वहीं ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यूक्रेन की सेनाएं मजबूती से लड़ाई लड़ रही हैं। यही कारण है कि रूस अब तक यूक्रेन के समूचे हवाई क्षेत्र पर कब्जा करने में नाकाम रहा है। मौजूदा वक्त में रूस केवल सुरक्षित रूसी हवाई क्षेत्र से दागे जाने वाली मिसाइलों पर निर्भर है।
इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर रूसी सशस्त्र बलों को पहुंचाए गए नुकसान के बारे में जानकारी दी है। यूक्रेन ने कहा है कि उसकी सेना ने रूसी सेना के 14,700 जवानों को मार गिराया है। यही नहीं यूक्रेन का यह भी दावा है कि उसने रूस के 476 टैकों, 1487 बख्तरबंद वाहनों, 96 लड़ाकू विमान, 118 हेलिकाप्टर और 230 तोपों को नष्ट किया है। यूक्रेन का यह भी कहना है कि उसकी फौज ने रूस के 44 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम और तीन युद्धपोतों को नष्ट किया है।
मारियुपोल शहर के अधिकारियों का कहना है कि बीते एक हफ्ते में करीब 40 हजार लोगों ने मारियुपोल छोड़ दिया है। लगभग 39,426 लोग अपने वाहनों में मारियुपोल से पलायन किया है। अधिकारियों के मुताबिक इस निकासी में आठ हजार से अधिक वाहनों का इस्तेमाल मानवीय गलियारे के माध्यम से बर्दियांस्क से जापोरिजिया जाने के लिए किया गया।