November 17, 2024

नाटक के माध्यम से दर्शको को किया तनावमुक्त

Faridabad/Alive News: जेसी बोस विश्वविद्यालय के सभागार में तनावमुक्त व ऊर्जावान करने हेतु नारदजी डॉट कॉम नाटक का मंचन करवाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राकेश कुमार आर्य ने दीप प्रज्वलन से किया। पुलिस आयुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि वेब सीरीज और ओटीटी के दौर में आज भी रंगमंच अपनी बात कहने का सशक्त माध्यम है जो सहज ही दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और पुलिसकर्मियों के लिए इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए जिससे की उनकी रोजमर्रा की तनावपूर्ण कार्यप्रणाली में एक नई स्फूर्ति, ताजगी एवम उत्साह का संचार हो सके और इस नाटक का मंचन आज इसी उद्देश्य के लिए किया गया है।

नाटक नारद डॉट कॉम हिसार के वरिष्ठ रंगकर्मी अनूप मीचू द्वारा लिखित, निर्देशित व अभिनीत था अनूप मीचू द्वारा इस प्रकार के करीब 150 से अधिक प्रोग्राम किया जा चुके हैं। उन्होंने इस तरह के प्रोग्राम करने का करीब 35 साल से अधिक का अनुभव है। जिसमें उन्होंने मानव मन की सभी संवेदनाओं को बहुत ही बारिकी और भावपूर्ण ढंग से अपनी बेजोड़ कलाकारी व अभिनय से अभिव्यक्त किया और नाटक के माध्यम से बताया कि आज भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में उलझ कर मनुष्य जो ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है अपने निर्माण के मूल लक्ष्य से भटक कर आपाधापी, प्रतिस्पर्धा और चकाचौंध में उलझ कर रह गया है।

इस मायाजाल में फंस कर आज का मनुष्य अपना स्वास्थ्य, परिवार, रिश्ते नातों को पीछे छोड़ अंतहीन आकांक्षाओं के पीछे बस भागता चला जा रहा है और जब उसे लगता है अब जिंदगी उसकी मुट्ठी में है तब तक जिंदगी निकल चुकी होती है और अंत समय नजदीक आ चुका होता है। गहन गंभीर चिंतन से लिखी इस रचना में निर्देशक अनूप मीचू ने अपने मन की अनुभूतियों को शब्दों में उकेरा और काव्य अभिव्यक्तियों से सजाया जिससे सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। सहयोगी कलाकारों में डॉ.कीर्ति गोयल, श्री संदीप शर्मा, डॉ. महेंद्र चुघ और आशीष शर्मा ने नाटक को जीवंत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस अवसर पर संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री ओपी नरवाल, डीसीपी बल्लभगढ़ श्री राजेश दुग्गल, डीसीपी ट्रैफिक श्री अमित यशवर्धन, डीसीपी सेंट्रल श्रीमती पूजा वशिष्ठ , आईएएस श्रीमती गरिमा मित्तल, एडीसी श्री आनन्द शर्मा व डॉ. एस.एस. बंसल ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई । शहर के विभिन्न गणमान्य डॉक्टर व पुलिसकर्मियों के परिवारजनों ने नाटक का भरपूर आनन्द लिया। कार्यक्रम का कुशल व काव्यात्मक शैली से मंच संचालन प्रोफ़ेसर डॉ. सुप्रिया ढांडा ने किया। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान से हुआ। जीवन को उत्सव के रुप में जीने का सन्देश देते इस नाटक में अनेक संवाद ऐसे रहे जिसने दर्शकों को भावविभोर कर बार बार तालियां बजाने पर बाध्य कर दिया। नाटक ने सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के दिलो दिमाग़ एवम अंतर्मन पर एक अमिट छाप छोड़ी।