Chandigarh/Alive News: बोर्ड परीक्षाएं सर पर होने के साथ ही अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की चिंता बढ़ गई है। वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने निजी स्कूलों की मान्यता के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा है कि नियमावली 2003 के अनुसार सरकार हर बार एक- एक साल के लिए स्कूलों को प्रत्येक वर्ष मान्यता प्रदान करती आ रही है।
इस प्रथा को चलते हुए लगभग 19 वर्ष बीत चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 2016 में ऐसे स्कूलों की स्थाई मान्यता देने की बात उठाई थी, लेकिन पिछले वर्ष कहा था कि शिक्षण सत्र 2022-2023 में अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूल अपने यहां बच्चों का दाखिला ना करें जो स्कूल से संबंधित नियमों का पालन नहीं करते। इसके बाद भी लगभग 1380 ऐसे अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों ने फिर बच्चों के दाखिले लिए और अब सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए कोई रास्ता निकाललेगी कि इन्हें परीक्षा देने का मौका मिले सकें।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ऐसे निजी स्कूलों को सख्त आदेश दिए हैं कि इस सत्र के बाद ऐसे अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूल अगले सत्र 2023 और 24 में किसी भी बच्चे का दाखिला ना ले, जो शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं करते यदि स्कूल फिर दोबारा गलती दोहराते हैं तो अगले सत्र में उन्हें मान्यता प्रदान नहीं की जाएगी।