May 9, 2025

निजी स्कूलों को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, 25 फीसदी खाली सीटों पर ईडब्ल्यूएस विद्यार्थियों का दाखिला अनिवार्य

New Delhi/Alive News: नर्सरी कक्षा में कब आए वाले बच्चे ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह के बच्चों को दाखिला देने के मामले पर निजी स्कूलों को उच्च न्यायालय ने राहत नहीं मिली है न्यायालय ने एकल पीठ के 16 दिसंबर के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से फिलहाल इनकार कर दिया है। जिसमें स्कूलों को हर साल में कक्षा की कुल क्षमता कि 25 से 10 सीटों पर ईडब्ल्यूएस व वंचित समूह के बच्चों को दाखिला देने के आदेश दिए हैं।

एकल पीठ ने फेसबुक फैसले में साफ कहा है कि सामान्य श्रेणी में कितने बच्चों का दाखिला होता है इसका ईडब्ल्यूएस दाखिले में कोई लेना देना नहीं है न्यायालय ने सरकार और शिक्षा निदेशालय को आदेश दिया था कि यदि कोई स्कूल आरटीई अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करता है तो उसकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई करने में संकोच नहीं करें।

जस्टिस संजीव सचदेवा और सौरव बनर्जी की अवकाश कालीन पीठ ने कहा कि शिक्षा का अधिकार एक कल्याणकारी कानून है इसलिए स्कूल तै कानूनों के हिसाब से ईडब्ल्यूएस बच्चों को दाखिला दे हम आपकी बात सुनेंगे और बाद में समुचित फैसला करेंगे।

न्यायालय ने एकल पीठ के 16 दिसंबर के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है पीठ ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने में फिलहाल इंकार कर दिया है साथ ही मामले की सुनवाई नियमित पीठ के समक्ष 9 जनवरी को तय कर दी है।

इसमें पहले सुनवाई के दौरान न्यायालय ने स्कूल से कहा कि यदि आप किसी भी कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो आपको शिकायत शिक्षा निदेशालय से करनी चाहिए शिक्षा निदेशक से शिकायत करने के बजाय अदालत में आना वैसा ही है जैसे ट्रेन की टिकट के लिए एयरपोर्ट पर जाना।