Patna/Alive News : अनेक ऐतिहासिक घटनाओं की गवाह बनी बिहार विधानसभा ने अपना 100 वां साल पूरा कर लिया है। यही कारण है कि इस बार भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वयं बिहार विधानसभा की शताब्दी वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के लिए बिहार की राजधानी पटना पहुचेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार को वे विधानसभा में शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद शताब्दी स्तंभ पर बिहार का गौरवशाली इतिहास दिखाया जाएगा। राष्ट्रपति कोविंद का बिहार विधानसभा से पुराना रिश्ता रहा है। बिहार के राज्यपाल रहते हुए वह कई बार विधानसभा आते-जाते रहे हैं।
बिहार विधान सभा कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह बना। जिसमें जमींदारी उन्मूलन से लेकर शराबबंदी कानून तक लागू हुआ। इस भवन ने कई सरकारें, कई मुख्यमंत्री, कई विधानसभा अध्यक्ष देखे। आजादी के बाद सत्रहवीं विधानसभा आते-आते हजारों की संख्या में नए-पुराने सदस्यों को इसने पुष्पित-पल्लवित होते देखा।
100 साल से अपने नयाब नमूने को सहेजे हुए विशिष्ट श्रेणी में खड़ा विधानसभा सात फरवरी 1921 को विधानसभा के मौजूदा भवन का उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल लॉर्ड सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने किया था। 100 साल में इस भवन में कुछ विस्तार भी हुए, लेकिन इसकी मूल संरचना पर कोई असर नहीं पड़ा। निर्माण के मामले में अब भी यह कई नायाब नमूने को सहेजे हुए है, जो इसे विशिष्ट श्रेणी में खड़ा करता है।
वहीं 1951 से बिहार में विधानसभा चुनाव की शुरुआत हुई थी। साल 2005 की फरवरी में हुए चुनाव में सरकार नहीं बन पाने के कारण अक्तूबर में फिर से चुनाव कराने पड़े थे। आजादी के बाद 1952 की पहली विधानसभा में 331 सदस्य बैठते थे जो 1977 में 324 हो गए। साल 2000 में बिहार के बंटवारे के साथ अलग राज्य झारखंड बना तो विधानसभा के सदस्य घटकर 243 रह गए।