Chandigarh/Alive News: शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को परिवार पहचान पत्र में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए ड्यूटी लगाई है। इसके चलते दिन के समय स्कूल में शिक्षकों को कक्षाएं लेनी पड़ रही है। पीपीपी वेरिफिकेशन के दौरान जब शिक्षक अभिभावक को कॉल कर बच्चे की जानकारी ले रहे हैं तो अभिभावक भी बच्चों की जानकारी देने से इंकार कर रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को डर है कि कहीं उनके बच्चे का अपहरण या फिर उनके साथ कोई फ्रॉड ना हो।
इसके बाद उन्हें पीपीपी की गलतियों की पड़ताल भी करनी पड़ रही है। जिले के लगभग हजारों विद्यार्थियों की डेटा सभी राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को सौंपा गया है। शिक्षकों को दिए गए पीपीपी कार्य में शिक्षा विभाग को अभी तक यह नहीं पता चला है कि इनमें से कितने विद्यार्थी निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। कितने राजकीय स्कूलों में या कितने विद्यार्थी और अन्य किसी प्रदेश में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
शिक्षकों के अनुसार जब वेरिफिकेशन के लिए कॉल की जाती है तो अभिभावकों से अपने बच्चों के अपहरण ऑनलाइन फ्रॉड होने के डर से कई बार बुरी भली भी सुननी पड़ रही है। शीतकालीन अवकाश होने और निजी स्कूल से सहयोग नहीं मिलने के कारण पीपीपी का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है।