Faridabad/Alive News: लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश खटाना ने अवैध कालोनियों में हो रही तोड़फोड़ के खिलाफ रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आवाज उठाई है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वह अतिक्रमण या अवैध कब्जे के पक्ष में नहीं है, लेकिन गरीब लोगों के सिर की छत जिस प्रकार से छीनी जा रही है, वह तरीका गलत है। उन्हें ना कोई नोटिस दिया जा रहा है और ना ही कोई मोहलत दी जा रही है। जबकि उन्होंने यह निर्माण अपनी मेहनत की कमाई की एक-एक पाई जोड़कर किया था।
उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि
इन अधिकारियों ने बिल्डर लॉबी के साथ मिलकर मलाई खाई और गरीबों को सपने दिखाकर उनकी मेहनत की कमाई यहां लगवा दी। आज वहीं अधिकारी उन्हें कानून बता रहे हैं।
एडवोकेट खटाना ने कहा कि गरीबों के सर से छत उजाड़ने का जो यह काम जारी है इसे वह किसी हालत में नहीं होने देंगे। वह इसे रुकवाने के लिए, सामाजिक न्याय की गुहार लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
एडवोकेट राजेश खटाना ने कहा कि आज फरीदाबाद में जिस प्रकार से तोड़फोड़ की जा रही है, उसमें अधिकांश हिस्सा प्रवासी नागरिक का है जिसका इस शहर के विकास में बड़ा योगदान है लेकिन उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह कालोनियां इसलिए भी विकसित होती हैं क्योंकि सरकार कालोनियां विकसित नहीं करती है। यदि सरकार खुद कालोनियां विकसित करे और उनकी कीमत जायज रखे तो गरीब आदमी भी वैध घर में रह सकेगा। खटाना ने सवाल उठाया कि जब एक अवैध कॉलोनी बसाकर बिल्डर पैसे कमा सकता है तो सरकार क्यों नहीं कमा सकती। सरकार को यह घाटे का सौदा क्यों लगता है।