November 23, 2024

पुल न होने के कारण नदी में डूबे लोग, 20 को निकाला बाहर

Bihar/Alive News: बिहार के मुजफ्फरनगर में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। जिसमें बताया जा रहा है कि गुरुवार को बागमती नदी में नाव से सवार होकर कुछ बच्चे और कुछ लोग आवाजाही कर रहे थे परन्तु पानी का बहाव तेज होने की वजह वह नाव नदी में डूब गयी। बताया जा रहा है कि इस नाव में कुल 33 लोग सवार थे

पुल न होने के कारण लोग रस्सी के सहारे ही नाव को पार लगा रहे थे परन्तु रस्सी अचानक से टूट गयी और यह हादसा हो गया। हादसा सुबह साढ़े 9 बजे गायघाट थाना क्षेत्र के बेनीबाद OP में हुआ है। अब तक 20 लोगों को बाहर निकाल लिया गया। नदी की तेज बहाव में 13 लोग बह गए, जिनकी तलाश की जा रही है।

गांव में पुल नहीं होने की वजह से बच्चे और आसपास के लोग इसी तरह से आते-जाते थे। गायघाट और बेनीबाद पुलिस के साथ SDRF-NDRF की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

उधर, मुजफ्फरपुर में ही एसकेएमसीएच में नवनिर्मित पीकू वार्ड का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि डीएम और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जो भी हताहत होगा सरकार उसके परिवार की मदद करेगी।
डीएम बोले-14-15 लोग बाहर आ गए हैं

डीएम प्रणव कुमार ने बताया कि सभी टीमें रेस्क्यू में लगी हुई हैं। कितने लोग डूबे हैं इसका आंकड़ा बता पाना मुश्किल है। 14 से 15 लोग बाहर आ गए हैं। हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालना है।

SDO बोले-किनारे पर पलटी नाव

SDO पूर्वी अमित कुमार ने बताया कि हमारा मेन फोकस बच्चों को सुरक्षित निकालने पर है। कितने लोग डूबे हैं उसका अभी कोई क्लियर आंकड़ा नहीं है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। डूबने वालों में बच्चे, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग सभी हैं। नाव किनारे पर पलटी थी, इसलिए कई लोग बचकर बाहर आ गए।
नाव से स्कूल जा रहे थे बच्चे

मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि रोज की तरह गुरुवार को नाव पर सवार होकर बच्चे स्कूल जा रहे थे। नाव पर 30 से ज्यादा बच्चे थे। बहाव तेज होने की वजह से नाव का संतुलन बिगड़ा और वो पलट गई। हादसे के बाद नाव सवार बच्चों में चीख पुकार मच गई।

कई सालों से हो रही थी पुल की मांग

बताया जा रहा है कि जिस जगह ये हादसा हुआ है वहां के लोग कई सालों से पुल की मांग कर रहे हैं। शॉर्टकट के चक्कर में लोग नाव का इस्तेमाल करते हैं। बच्चे भी शॉर्टकट के चक्कर में ही नाव से ही स्कूल आना-जाना करते हैं।