Faridabad/Alive News: हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ अरुण पल्ली के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा प्रांत में प्रत्येक जिले के अंदर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
वहीं, फरीदाबाद जिला के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाई. एस राठौर की अध्यक्षता एवं निर्देशानुसार, न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुकिर्ती गोयल की देखरेख में शनिवार को जिला अदालत सेक्टर -12 में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के केसों की इन अदालतों में हुई सुनवाई
इस लोक अदालत में 12 बेंच लगाए गए। जिनमें अमृत सिंह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, राजेश शर्मा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, डॉ याशिका अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, आशु संजीव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लेबर कोर्ट इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल, हरीश गोयल अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अस्मिता देशवाल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अमित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, गौरव खटाना न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी , आकृति वर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, गौरांग शर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, निधि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अध्यक्ष परमानेंट लोक अदालत की बेंच बनाई गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत में इन केसों की सुलह आपसी सहमति से हुई
राष्ट्रीय लोक अदालत में 31363 केस रखे गए जिनमें से कुल 24697 केसों का निपटारा आपसी सहमति से अदालतों द्वारा किया गया। जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना के 31, छोटे-मोटे अपराधिक मामले 2035, चेक बाउंस के 953 बिजली से संबंधित 1324, समरी चालान के 11674, श्रमिक विवाद के 22 केस औथ 66 वैवाहिक संबंधित शामिल हैं। वहीं दीवानी 767, बैंक रिकवरी के 669, रेवेन्यू के 7156 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया।
समय और धन की होती है बचत नहीं होती ऊपरी अदालत में अपील
सीजेएम सुकीर्ति गोयल ने बताया ने बताया कि लोक अदालत में केस का फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती कोर्ट फीस वापस हो जाती है। साथ ही केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है। जिससे पैसे व समय की बचत होती है। आपस में प्यार भाव बना रहता है।