Faridabad/Alive News : वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन डॉ. एम.एम कुट्टी और मुख्य सचिव संजीव कौशल ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित विडियो कांफ्रेंस के जरिये दिए सभी उपायुक्तों को दिशा-निर्देश दिए। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन डॉ. एमएम कुट्टी ने कहा कि कृषि क्षेत्र और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती करना हमारा मुख्य उद्देश्य नहीं बल्कि देश के संपूर्ण क्षेत्र में वायु गुणवत्ता का सुधार हमारा लक्ष्य है। वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जो भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वे सर्वजन के हित में हैं। वायु गुणवत्ता आयोग किसी भी कृषि क्षेत्र और उद्योगों के खिलाफ नहीं है। परन्तु सभी कृषि क्षेत्रों और उद्योगिक इकाईओं को वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए जो भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं, उनका पालन अवश्य करना होगा।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरमैन डॉ. एम.एम कुट्टी ने कहा कि हरियाणा के कृषि क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुख्य कारण फसलों के अवशेष जलाने, कच्चे रास्तों पर उड़ती धूल लैंडफिल में आग क्रेशर कंस्ट्रक्शन वेस्ट है। जिसे काबू में करना बेहद जरूरी है। वर्ष 2022 में एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए आयोग द्वारा विभिन्न स्थानों पर हो रहे कंस्ट्रक्शन कार्य को रुकवाया गया। एक्यूआई 400 के पार होना गंभीर श्रेणी में आता है जोकि साधारण व्यक्ति के लिए हानिकारक साबित होता है। आयोग द्वारा लागू की गई एडवाइजरी के परिणाम है एक दिन में नहीं प्राप्त हो सकते। इसके लिए हमें निरंतर संयुक्त प्रयास करने होंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित पूरे हरियाणा में एक्यूआई रेकॉड किया गया। यह नंबर अभी भी संतोषजनक नहीं है। स्थिति के भयावह होने से पहले ही हमें ठोस कदम सामूहिक कदम उठाने होंगे। हालांकि आयोग द्वारा किये गए अभी तक के प्रयासों से हमें कुछ सफलता जरूर प्राप्त हुई है।
उन्होंने हर शहरों नगर वन तथा नगर वाटिका के रूप में नर्सरी तैयार कर उसे प्रमोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सभी को वृक्षारोपण बड़े स्तर पर करना होगा। उन्होंने आगे बताया कि आयोग ने गत वर्ष 3.9 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा था। इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़कर 3.12 करोड़ वृक्ष लगाने का रखा गया है।
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने वीडियो कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कृषि क्षेत्र के धान रोपाई के ग्रीन बेल्ट जिला अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, जींद, कैथल, हिसार, फतेहाबाद व सिरसा के उपायुक्त से वायु गुणवत्ता आयोग की हिदायतों के अनुसार बिन्दुवार जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट के बढ़ते दुष्परिणामों को ध्यान में रखते हुए लोगों को जागरूक करने, प्रभावशाली कचरा प्रबंधन ही बढ़ते प्रदूषण की समस्या का समाधान है तथा इस कार्य में आमजन का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण है।
विडियो कान्फ्रेंस में डीसी विक्रम सिंह, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिला अधिकारी स्मिता कनोडिया, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की डाक्टर संगीता सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।