May 2, 2024

एचआईवी एड्स ट्रेनिंग कार्यक्रम का किया गया आयोजन : डा. ब्रह्मदीप

Palwal/Alive News : सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप की अध्यक्षता में एक एचआईवी एड्स कार्यक्रम से संबंधित ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। इस ट्रेनिंग के दौरान उप सिविल सर्जन डा. रेखा सिंह भी मौजूद रहे, जिसमें एस.डी. कॉलेज, एम.वी.एन. कॉलेज, सरस्वती कॉलेज, हथीन के राजकीय महाविद्यालय, डा. बी.आर. अंबेडकर कॉलेज के विद्यार्थी एवं अध्यापकगण ने भाग लिया।

डा. ब्रह्मïदीप ने एड्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एचआईवी एड्स एक प्रकार का वायरस होता है, जिससे कि मनुष्य के अंदर बीमारी से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को कई तरह के संक्रमण लग जाते हैं। यदि इस बीमारी पर समय से ध्यान न दिया जाए तो कई तरह के संक्रमण हो जाते हैं, जिन पर दवाइयों का भी कोई असर नहीं पड़ता। समय रहते इसका इलाज करवाने से तथा खान-पान का सही से ध्यान रखने से व्यक्ति के जीने का समय तो बढ़ाया जा सकता है पर इसे ठीक नहीं किया जा सकता। यह लगभग 70 प्रतिशत असुरक्षित यौन संबंध से होता है।

इस बीमारी की एक वजह यह भी हो सकती है कि मां अगर गर्भवती होती है और उसे एड्स की बीमारी हो, तो जिस बच्चे को वह जन्म देगी उस बच्चे को भी यह बीमारी हो सकती है या फिर एक वजह यह भी हो सकती है कि जैसे एक इंजेक्शन का प्रयोग कई व्यक्तियों के लिए किया जा चुका हो, उन्हें भी यह बीमारी लग जाती है और यह एक झूठी अफवाह बनाई गई है कि यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है, किसी के साथ खाना खाने से होती है, या किसी इन्फेक्टेड चीज से होती है। जिला पलवल में एच.आई.वी. एड्स के केस 712 पाए गए हैं, जिनमें से दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र कुल डेढ़ साल की है। इस ट्रेनिंग को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना है।

सिविल सर्जन ने बताया कि यदि इस प्रकार का कोई भी कैसा भी संदेह होने पर किसी भी नजदीकी अस्पताल या किसी भी डॉक्टर से सलाह ले लेकर इलाज शुरू करवाएं, इस बीमारी के लिए देरी न करें। इसके निदान के बारे में बताते हुए डा. ब्रह्मदीप ने कहा कि एचआईवी का निदान ब्लड टेस्ट स्क्रीनिंग की मदद से किया जाता है। अगर इसमें एचआइवी पाया जाए तो टेस्ट का परिणाम पॉजिटिव होता है। पॉजीटिव परिणाम देने से पहले रक्त की कई बार जांच की जाती है।