Uttar Pradesh/Alive News : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना को लेकर लगातार आवाज़ उठ रही है. विपक्ष की कई पार्टियों के द्वारा उठाई जा रही इस आवाज़ के बीच अब भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी इसकी मांग कर दी है.
मंगलवार को लोकसभा में जब ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हो रही थी, तब बीजेपी की ओर से संघमित्रा मौर्य ने अपनी बात रखी. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जातिगत जनगणना का विरोध किया, लेकिन अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को इसका अधिकार दे दिया है.
संघमित्रा मौर्य के इस बयान से खुद भाजपा के कई लोग भी हैरानी में पड़ते दिखे. संघमित्रा मौर्य ने सदन में कहा कि कांग्रेस की जो सरकारें ना कर सकीं, उसे मोदी सरकार ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में मवेशियों की गिनती होती थी, लेकिन पिछड़ी जाति के लोगों की सही गिनती नहीं होती थी.
बीजेपी सांसद ने कहा कि 1931 में जब जातिगत जनगणना हुई थी, तब देश में 52 फीसदी ओबीसी थे. लेकिन अब किसी को कोई नंबर की जानकारी ही नहीं है, ऐसे में अगर जातिगत जनगणना होती है तो ओबीसी समुदाय को सरकारों की योजनाओं का लाभ मिलेगा.
आपको बता दें कि संघमित्रा मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं और बदायूं से सांसद हैं. लोकसभा में मंगलवार को ओबीसी आरक्षण बिल के मसले पर बोलने वालीं वो भाजपा की पहली सांसद थीं.
जातिगत जनगणना की लगातार उठ रही है मांग…
बता दें कि जातिगत जनगणना को लेकर लंबे वक्त से मांग उठाई जा रही है. अब जब अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं, तब बीते कुछ दिनों में ये मांग अचानक से तेज़ हो गई है. सबसे पहले बिहार की राष्ट्रीय जनता दल ने इसकी मांग की थी, तेजस्वी यादव ने इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी.
खुद नीतीश कुमार भी लंबे वक्त से जातिगत जनगणना के पक्षधर रहे हैं. नीतीश कुमार की ओर से इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में चिट्ठी भी लिखी गई है, नीतीश ने कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री के जवाब का इंतज़ार है. बता दें कि बिहार में भाजपा और जदयू इस वक्त साथ में मिलकर सरकार चला रहे हैं.
अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो समाजवादी पार्टी की ओर से भी जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है. समाजवादी पार्टी के मुखिया और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बीते दिन लोकसभा में इस बात का ज़िक्र किया, अखिलेश ने कहा कि भाजपा सिर्फ ओबीसी समुदाय का वोट लेना चाहती है. अगर चिंता है तो सरकार को तुरंत जातिगत जनगणना करवानी चाहिए.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की साथी अपना दल की ओर से भी जातिगत जनगणना का समर्थन किया गया है. हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से पिछले महीने ही सदन में बता दिया गया था कि भारत सरकार की ओर से अभी जातिगत जनगणना कराने की कोई तैयारी नहीं है.