November 18, 2024

निसा ने आरबीआई को लिखा पत्र, बैंक प्राईवेट स्कूल को न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराए ऋण

Faridabad/Alive News: महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे निजी स्कूल संचालको के लिए निसा ( नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस) के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास से प्रार्थना की गई है कि वह निजी स्कूल संचालकों को देश की समस्त बैंकों के माध्यम से निम्नतम ब्याज दर पर बारह महीने का ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश जारी करें। जिससे विद्यालय अपने समस्त आवश्यक खर्चों का सुचारू रूप से वहन कर सकें।

पत्र के माध्यम उन्होंने कहा कि लगभग 95 प्रतिशत प्राइवेट स्कूल किराए के भवनों में चल रहे हैं। इस वक्त विद्यालयों के लिए भवन का किराया, पूर्व में लिए गए ऋण की क़िस्त विद्यालय वाहनों के इन्श्योरेन्स आदि के खर्चों को वहन करने में असमर्थ है। कोरोना के कारण प्राइवेट स्कूल की आय का एकमात्र साधन शिक्षण शुल्क अनियमित हो गया है, अभिभावकों की भी कोविड के चलते बहुत सी परेशानियां एवं परिस्थितियां हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय अभिभावकों द्वारा समय पर विद्यालयों को शुल्क नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2019 से अब तक फीस का एक बड़ा हिस्सा बकाया है सत्र 2019-20 में 25 प्रतिशत, 2020-21 में 75प्रतिशत, एवं 2021- 22 मे लगभग 90 प्रतिशत फीस विद्यालयों को प्राप्त नहीं हुई है। इस समय पांच लाख से अधिक प्राइवेट स्कूल्स में दो करोड़ से अधिक शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हैं। विद्यालयों के प्रबंध तंत्र के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या विद्यालय वाहनों के लिए पूर्व मे लिए ऋण की राशि की किश्तों के भुगतान की है। देश के 60 प्रतिशत छात्रों को शिक्षा देने वाले प्राइवेट स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं।

इस समय न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना इनके लिए संजीवनी के समान होगा। निसा ने प्रार्थना की है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के नुकसान को बचाने के लिए रिजर्व बैंक सभी बैंकों को निर्देश दे कि विद्यालयों के प्रबंधन को न्यूनतम ब्याज दर पर 12 महीने के लिए ऋण प्रदान किया जाए, जिससे शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए लग भाग दो करोड़ शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को उनका नियमित वेतन दिया जा सके।