Chandigarh/Alive New: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से मुक्ति मिलने वाली है। अब अध्यापक अध्यापन का कार्य ही करेंगे। निदेशक मौलिक शिक्षा ने इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
दरअसल, अब शिक्षकों के अध्यापन कार्य में लौटने की रिपोर्ट डीईईओ को एक सप्ताह में निदेशालय को भेजनी हैं। निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ अध्यापक स्कूलों में अध्यापन का कार्य करने की बजाय डीईईओ, खंड शिक्षा अधिकारी और अन्य कार्यालय में गैर शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और राजकीय स्कूलों में बच्चों की संख्या भी घट रही है।
गौरतलब है महामारी के मद्देनजर शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाई गई है। जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कर सकते हैं।
जो शिक्षक प्रबंधन, प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण कार्य में लगे हैं। उन्हें तुरंत स्कूलों में वापस भेजा जाएगा। जारी पत्र के अनुसार किसी शिक्षक के स्कूल के बजाय कहीं और ड्यूटी पर होने की शिकायत मिलने पर डीईईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी। अब अध्यापक सिर्फ अध्यापन का कार्य ही करेंगे। किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में उनकी ड्यूटी नहीं लगेगी।