May 6, 2024

सरकार की आवाज को घर-घर पहुंचाने वाले पत्रकारों के लिए बजट में कुछ नहीं

Faridabad/Alive News: देश के पत्रकारों के शीर्ष संगठन, वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया, सम्बद्ध भारतीय मज़दूर संघ, ने केंद्र सरकार के वर्ष 2022 के बजट में मीडियाकर्मियों के लिये, एक भी कोई घोषणा नही करने की निंदा की है और केंद्र सरकार के रवैये पर दुख जताया है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र भंडारी के अनुसार आज के बजट से ये साफ हो गया है कि देश के ज्यादातर नेता मीडियाकर्मियों को समाज का हिस्सा नही मानते है।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल और देश मे लगे लॉकडाउन से मीडिया उद्योग की हालात खस्ता हो गए है। इस उद्योग के हालात खराब होने से, देशभर में विभिन्न समाचार पत्रों के प्रकाशन बंद हो गए और वहां कार्य कर रहे पत्रकारों की या तो छंटनी हो गयी या उनकी तनख्वाह में कटौती कर दी गयी। सैंकड़ो स्माल और मीडियम न्यूज़पेपरो का प्रकाशन बंद हो गया। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी व महासचिव नरेन्द्र भंडारी के अनुसार ऐसे समय मे केंद्र सरकार को मीडिया को ज्यादा से ज्यादा विज्ञापन देने चाहिये थे, लेकिन केंद्र सरकार ने कोरोना काल मे मीडिया को एकतरह से विज्ञापन देने में भी कटौती शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मीडिया की विज्ञापन पालिसी का फायदा ज्यादातर बड़े पोर्टल चलाने वाले गैर मीडिया घरानों व प्रिंट मीडिया की पालिसी का फायदा सिर्फ बड़े मीडिया घरानों को ही होगा। केंद्र सरकार से दोनों पॉलिसियों को रद्द करके उसकी जगह नयी पोलिसी लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र बंद होंगे तो उसका सारा असर पत्रकारो पर ही आएगा, वे सड़को पर आ जाएंगे चौधरी ने मीडिया से जीएसटी हटाने की मांग की है।

यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय कुमार उपाध्याय के अनुसार केंद्र सरकार को बजट में मीडिया व मीडियाकर्मियों के लिये आर्थिक पैकेज व उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना चाहिये था। उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर राजनेता अपने हितों के लिये मीडिया का सिर्फ इस्तेमाल करते है जब उन्हें किसी भी तरह के अधिकार देने की बात आती है, तो अपना मुंह फेर लेते है। देश मे कई पत्रकार, फेक न्यूज़ का सहारा लेकर , झूठी खबरे चला रहे है। उन्होंने कहा कि यूनियन फेक न्यूज़ चलाने वाले पत्रकरो के कभी भी समर्थन में खड़ी नही होगी।