Faridabad/Alive News : निकिता तोमर हत्याकांड को सोमवार को एक साल पूरा हो गया है। साल भर बीत जाने के बाद अब यह केस सेशन कोर्ट से हाईकोर्ट में पहुंच गया है। निकिता बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा थी। जिसकी अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सेशन कोर्ट ने सोहना निवासी रेहान और तौसीफ को हत्या का दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार इस घटना ने मृतक निकिता के परिवार की जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया। घटना के समय निकिता का भाई नवीन तोमर दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पिता नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करते थे। घटना के बाद पिता की नौकरी छूट गई और भाई नवीन भी केस लड़ने के लिए अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया।
जानकारी के मुताबिक हत्या के तुरंत बाद उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे। उस समय तत्कालीन पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने बड़े जोर शोर से पीड़ित परिवार की सुरक्षा का दावा किया और हथियार का लाइसेंस देने की बात कही थी। मूलचंद तोमर का कहना है कि आज तक उन्हें और हाकिम सिंह को हथियार का लाइसेंस नहीं दिया गया है।
इसके लिए उन्होंने एक महीने की ट्रेनिंग में पैसा भी खर्च किया। कई महीनों तक थाने और पुलिस आयुक्त कार्यालय के चक्कर काटे, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सेशन कोर्ट का फैसला आने के 10 दिन बाद उनकी सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मी भी हटा लिए गए।
हत्याकांड के एक साल बाद भी निकिता का परिवार सरकार के वादों के पूरा होने की बाट जोह रहा है। निकिता के पिता के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने वादा किया था कि निकिता के नाम पर ऊंचा गांव चुंगी पर एक द्वार बनाया जाएगा। एक कॉलेज नामकरण भी उसके नाम पर होगा। लेकिन आज तक ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है।