Chandigarh/Alive News: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुरुग्राम में बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से कचरे का प्रबंधन पर्यावरण नियमों के मुताबिक नहीं होने पर गंभीर चिंता जताई है। एनजीटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एक लोक कल्याणकारी राज्य नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा के संवैधानिक जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता। एनजीटी ने कहा कि प्रशासन की विफलता और जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाही विनाश के लिए काफी है।
अधिकरण ने कहा कि यह उम्मीद है कि हरियाणा सरकार नागरिकों की सुरक्षा और कानून के शासन को ध्यान में रखकर, इन कमियों को ठीक करेगी। एनजीटी ने इसके साथ ही दोषी अधिकारियों की लगातार लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा है।एनजीटी ने मौके का जायजा लेने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमिटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सदस्य, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सदस्य और गुरुग्राम के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे। एनजीटी ने इस कमेटी को एक महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मिली जानकारी एक अनुसार इस संबंध में एक याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि कचरे के प्रबंधन के लिए 2017 में चीनी कंपनी ईको-ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया है। इसके बावजूद, जो कदम उठाए गए हैं, वे अपर्याप्त हैं। याचिका में कहा गया है कि बंधवाड़ी लैंडफिल साइट के कचरे को खुली हवा में जलाया जा रहा है। इससे न केवल आसपास के लोग प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि असोला भाटी वाइल्ट लाइफ सेंचुरी के करीब 193 पक्षियों की प्रजातियां भी प्रभावित हो रही हैं। सेंचुरी में पक्षियों के अलावा चिकित्सकीय पौधे और 80 किस्मों की तितलियां, काला तीतर, तेंदुओं इत्यादि पर भी असर पड़ा है। कचरे को लैंडफिल साइट में जलाना ठोस कचरा प्रबंधन नियम का उल्लंघन है।
ज्ञात हो कि एनजीटी ने नवंबर 2019 में गुरुग्राम नगर निगम को निर्देश दिया था कि वो बंधवाड़ी लैंडफिल साइट से 25 लाख टन कचरे को छह महीने में हटाए। एनजीटी ने कहा था कि बंधवारी लैंडफिल साइट से कचरा हटाने के लिए समयबद्ध योजना बनाने की जरूरत है।