May 18, 2024

NCERT ने तैयार किया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क, फिलहाल फाउंडेशन स्टेज पर CBSE स्कूलों में लागू

Education/New Delhi/Alive News : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रस्तावों को लागू करने की दिशा में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (National Curriculum Framework – NCF) 2022 तैयार की है। केंद्रीय बोर्डों – CBSE और CISCE के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड/परिषद द्वारा इन्हें विद्यालयी शिक्षा (नर्सरी से कक्षा 12 तक) स्तर पर लागू किया जाएगा। एनसीएफ को लेकर सीबीएसई ने देश के सभी सम्बद्ध स्कूलों में फाउंडेशन स्टेज (नर्सरी से कक्षा 3 तक यानी 3 से 8 वर्ष की आयु) पर वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2023-23 से ही लागू करने के लिए सर्कुलर हाल ही में 17 मार्च 2023 को जारी भी कर दिया गया है। एनसीएफ 2022 स्कूलों के कैंपस से लेकर, कक्षाओं, खेलकूद के स्थान, सुरक्षा, स्टाफ की संख्या, छात्र-शिक्षक अनुपात, पैरेंट्स, शिक्षकों की क्षमता का विकास, तकनीकी आदि पहलुओं पर व्यापक दिशा-निर्देश देता है

NCF 2022: सेकेंड्री स्टेज स्टेज पर लागू होने के बाद बदलेगा बोर्ड परीक्षाओं का सिस्टम
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2022 के चार स्टेज हैं – फाउंडेशन, प्रीप्रेट्री, मिडिल और सेकेंड्री स्टेज। इसमें से सेकेंड्री स्टेज यानी कक्षा 9 से कक्षा 12 के लिए एनसीएफ 2022 को लागू किए जाने पर फिलहाल कोई आधिकारिक सूचना जारी न तो केंद्रीय बोर्डों और न ही किसी भी राज्य के बोर्ड द्वारा जारी की गई है। फिर भी यदि एनसीएफ 2022 के दिशा-निर्देशों को समझें तो इसके लागू होने के बाद कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिए आयोजित की जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं के बड़े बदलाव होंगे। एनसीएफ 2022 के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं का एक नहीं बल्कि वर्ष में कम से कम दो बार आयोजन किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को छूट दी जानी चाहिए कि सिर्फ उन्हीं परीक्षाओं में शामिल हैं जिनका कोर्स उन्होंने कंपलीट कर लिया हो और उनकी तैयारी पूरी हो।

एनसीएफ 2022 के मुताबिक करिकुलम तैयार करने में शिक्षा बोर्डों की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। एनसीएफ यह भी सुझाव देता है कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रश्न-पत्र बनाने वाले, जांच करने वाले और मूल्यांकन करने वाले टेस्ट डेवेलपमेंट से सम्बन्धित यूनवर्सिटी-सर्टिफाईड कोर्स किए हों। साथ ही, एनसीएफ में वोकेशनल, आर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन को करिकुलम का अभिन्न अंग माना गया है। इसके लिए बोर्डों को इन एरिया के लिए हाई क्वालिटी टेस्ट सिस्टम को तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।