Chandigarh/Alive News: हरियाणा के तीसरे लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल की विदाई इसी महीने होने वाली है। वह भी लोकायुक्त एनके सूद, जस्टिस प्रीतमपाल की तरह ही शक्तियां हासिल करने की जद्दोजहद के बीच विदा ही होंगे। जानकारी के मुताबिक 19 जुलाई 2016 को एनके अग्रवाल ने लोकायुक्त के पद की शपथ ली थी और 17 जुलाई 2021 को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
दरअसल, सरकार की ओर से नए लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अभी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और इच्छुकों से आवेदन तक नहीं मांगे गए हैं। इसलिए उनके कार्यकाल पूरा होने के बाद रजिस्ट्रार, लोकायुक्त पर पूरा दारोमदार आना तय है। 2016 में जस्टिस प्रीतमपाल के कार्यकाल पूरा करने के बाद 6 महीने तक लोकायुक्त का पद खाली रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने अपनी हर सालाना रिपोर्ट में लोकायुक्त को और पावरफुल बनाने का जिक्र किया। लेकिन सरकार मेहरबान नहीं हुई। वह भी लोकायुक्त को ताकतवर बनाने में सफल नहीं हो पाए। हालांकि, शिकायतों के निपटारे में उनका रिकॉर्ड बेहतरीन रहा। हर साल उन्होंने 90 फीसदी से अधिक शिकायतों का निपटारा किया।
लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया
प्रदेश सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए आवेदन लेने के बाद उनमें से सबसे उपयुक्त नामों की छंटनी करती है। उसके बाद मुख्यमंत्री इस पद पर नियुक्ति के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, नेता प्रतिपक्ष, महाधिवक्ता व स्पीकर इत्यादि के साथ चर्चा कर एक नाम पर सहमति बनाते हैं। इसमें केंद्र सरकार की सहमति भी ली जाती है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल ने अपने शासनकाल में वर्ष 1999 में हरियाणा लोकपाल कानून बनाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस समय कार्यरत जज आईपी वशिष्ठ को पहला लोकपाल बनाया था। उस समय लोकपाल को स्वत: संज्ञान लेकर किसी भी मंत्री और अधिकारी की भ्रष्टाचार की जांच करने का अधिकार था। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने अपने कार्यकाल में लोकपाल को लोकायुक्त का दर्जा देकर उनके अधिकारों में कटौती की।
चौटाला द्वारा 2002 में बनाए गए हरियाणा लोकायुक्त एक्ट के अनुसार लोकायुक्त को अपने आप किसी भी मंत्री व अधिकारी के खिलाफ जांच करने का अधिकार नहीं है। यह कानून 6 जनवरी 2003 में लागू होने के बाद चौटाला ने मार्च 2005 तक अपने मुख्यमंत्री काल में कोई लोकायुक्त नियुक्त नहीं किया। मार्च 2005 में ही सत्ता संभालने के बाद हुड्डा सरकार ने जस्टिस एनके सूद को लोकायुक्त बनाया।