November 17, 2024

ज्यादा अपनी तारीफ सुनना भी सेहत के लिए नुकसानदायक, इस बीमारी के हो सकते हैं संकेत

Health/Alive News:अपनी तारीफ सुनना भला किसे नहीं पसंद होता है। आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि क्या हर वक्त तारीफ सुनने की चाह रखना कोई बुरी चीज है। कई लोग तारीफ के इस कदर भूखे होते हैं कि इसे न मिलने पर वह बेचैन हो उठते हैं। ये एक प्रकार की मेंटल कंडीशन है, जिसे ‘नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर’ कहा जाता है। नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को अपनी अहमियत का बड़ा घमंड होता है। ऐसे लोगों को हर वक्त अपनी तारीफ सुनना पसंद होता है। ऐसे लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति की कमी भी देखने को मिलती है। बस खुद में आत्ममुग्ध रहना ही उनकी प्रायोरिटी होती है। ओवर कॉन्फिडेंस के चलते अक्सर इनके रिश्ते बगड़ते रहते हैं, लेकिन इन्हें अपनी गलती नजर नहीं आती है। 

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षणों को कैसे पहचानें

अपने मन में यह गलतफहमी पाल लेना कि दूसरे लोग आपसे ईर्ष्या करते हैं। खुद को सबसे खास और दूसरों को छोटा समझना। मन में दूसरों को लिए सहानुभूति न आना। ऐसे लोग स्वभाव से जिद्दी और घमंडी भी होते हैं।  अपनी पोजीशन, ब्यूटी या गुणों को लेकर अलग ही दुनिया में खो जाना। अपनी बुराई न सुन पाना। खुद की तारीफ न सुनने पर डिप्रेशन और एंग्जायटी में चले जाना।

नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर से निपटने के तरीके

दूसरों की फीलिंग्स को समझें और उनकी कद्र करें। योगाभ्यास और एक्सरसाइज को रूटीन का हिस्सा बना लें। अल्कोहल या अन्य नशीली चीजों से दूर रहें। सिर्फ कहने की बजाय, सुनने की भी आदत डालें। अपनी गलतियों पर गौर करें और उन्हें स्वीकार करने की आदत डालें। अपनी ज्यादा तारीफ सुनने से बचें। खुद से दूसरों का कम्पेरिजन बंद करें। लोगों में मिलें-जुलें और उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं। टॉक थेरेपी भी इस डिसऑर्डर से लड़ने में एक कारगर तरीका होती है। डॉक्टर की सलाह लेने में बिल्कुल न झिझकें।