New Delhi/Alive News: दुनिया भर में हर साल 1 अप्रैल को April Fools’ Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हंसी, चुटकुलों और खुशियों को समर्पित दिन के तौर पर मनाया जाता है। आमतौर पर इस दिन लोग एक-दूसरे की टांग खींचते हैं और शरारतें करते हैं। लोग अपने प्रियजनों या दोस्तों को सर्प्राइज करने के लिए तरह-तरह का आइडिया लगाते हैं और फिर आखिर में बताते हैं कि आप अप्रैल फूल बन चुके हैं, यह पूरा मामला नकली था। लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन की शुरुआत कैसे और क्यों हुई थी, आइए जानते हैं।
अप्रैल फूल डे का इतिहास
1 अप्रैल को हम अप्रैल फूल के रूप में क्यों मनाते हैं, इसपर कई तरह की कहानियां बताई जाती हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं है। इतिहासकारों के बीच कुछ सबसे प्रचलित कहानियों में से एक जूलियन कैलेंडर है। कुछ इतिहासकार बताते हैं कि अप्रैल फूल का इतिहास आज से करीब 440 साल पुराना है। जब 1582 में फ्रांस ने जूनियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था।
जूलियन कैलेंडर में नया साल 1 अप्रैल को शुरू होता था। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह 1 जनवरी हो गया। कहा जाता है कि कैलेंडर बदलने के बाद भी कई लोग 1 अप्रैल को ही नया साल मना रहे थे। उनका सेलिब्रेशन मार्च के अंतिम सप्ताह से ही शुरू होता और 1 अप्रैल तक चलता था। इसी से वे मजाक का पात्र बन गए और उन्हें अप्रैल फूल कहा जाने लगा।
वहीं कुछ इतिहासकार इसे हिलेरिया से भी जोड़कर देखते हैं। हिलेरिया एक लैटिन शब्द है जिसका मतलब आनंदित होता है। हिलेरिया प्राचीन रोम में वहां के एक समुदाया द्वारा मनाया जाने वाला एक त्योहार रहा है। इसे मार्च के अंत में मनाते थे जिसमें लोग किसी दूसरे इंसान का वेश बनाकर दूसरों को मजाक बनाते थे।
फ्रांस, इटली, बेल्जियम समेत ये देश कैसे करते हैं सेलिब्रेट
आज भारत समेत पूरी दुनिया में हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाया जाता है। कई देशों में तो इस दिन की छुट्टी भी होती है। फ्रांस में इस दिन को उनकी भाषा में ‘पॉइसन डी’एविल’ कहा जाता है। ग्रीस में मान्यता हैं कि अगर आपने इस दिन किसी को अप्रैल फूल बना दिया तो पूरे साल आपकी किस्मत अच्छी रहती है।
स्कॉटलैंड पहले दो दिनों के लिए अप्रैल फूल डे मनाते हैं। पहला दिन अफवाह फैलाकर और लोगों को बेवकूफ बनाकर सेलिब्रेट किया जाता है। जबकि दूसरे दिन लोग एक दूसरे के पीछे पूंछ लगाते हैं। फ्रांस, इटली, बेल्जियम में लोगों के पीठ पर कागज की मछली चिपकाने का रिवाज है। इसे April Fish भी कहते हैं।