Washington/Alive News : वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि सिंधु नदी संधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई वार्ता के दौरान किसी समझौते पर नहीं पहुंच सका है। विश्व बैंक ने भरोसा दिलाया है कि दोनों देश इस मामले को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए काम करना जारी रखेंगे।
विश्व बैंक ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत किशनगंगा और रातले पनबिजली ऊर्जा संयंत्रों के तकनीकी मामलों पर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के बीच सचिव स्तर की वार्ता के बाद कहा, ‘दोनों देशों और वर्ल्ड बैंक ने इन वार्ताओं की सराहना की और संधि की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की। यह दो दिवसीय वार्ता 14 और 15 सितंबर को विश्व बैंक के मुख्यालय पर हुई।’
बैंक ने अपने बयान में कहा, ‘विश्व बैंक दोनों देशों की मदद करना जारी रखते हुए संधि के तहत अपनी जिम्मेदारियों को सद्भावना के साथ पूरा करने और पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ भारत और पाकिस्तान ने विश्व बैंक की मदद से 9 सालों तक चली बातचीत के बाद 1960 में आईडब्ल्यूटी पर हस्ताक्षर किए थे।
इन वार्ताओं में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय जल संसाधन सचिव अमरजीत सिंह ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय, ऊर्जा, भारत के जल संधि आयुक्त और केंद्रीय जल आयोग के भी प्रतिनिधि थे। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन डिविजन के सचिव आरिफ अहमद खान ने किया। उनके अलावा जल एवं ऊर्जा सचिव यूसुफ नसीम खोखर, भारत जल संधि के उच्चायुक्त मिर्जा आसिफ बेग और जल संयुक्त सचिव सैयद मेहर अली शाह ने भी इस वार्ता में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया।