Purniya/Alive News : पूर्णिया में बंद राइस मिलों में सरकारी चावल की बोरी बदलकर विभिन्न ब्रांडों के चावल तैयार करने का खेल चल रहा है। सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने वाले धंधेबाज तीन रुपये प्रति किलो के सरकारी चावल को पलक झपकते ही बोरी बदलकर ब्रांडेड बना देते हैं। इसे पश्चिम बंगाल और नेपाल भेजकर 60 रुपये किलो में बेच देते हैं।
एक अखबार के अनुसार, इसी सरकारी चावल को कहीं नूरी, कहीं इंडिया गेट तो कहीं सुपर फाइन एवं कहीं स्वास्तिक ब्रांड का चावल बनाकर बाजार में खपाया जा रहा है। वर्ष 2011 से 2018 के बीच में इस तरह के 57 मामले पकड़ में आए हैं जिसमें राइस मिल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है मगर फिर भी यह गोरखधंधा बदस्तूर जारी है।
सबसे हैरत की बात तो यह है कि जिन राइस मिलों में यह कारनामा किया जा रहा है वहां चावल तैयार करने के लिए न धान की खेप पहुंचती है न ही कभी मिल चलती है। फिर भी राइस मिलों से चावल लदे दो से तीन ट्रक हर दिन जरूर निकलते हैं।
यहां चल रहा गोरखधंधा
सरकारी चावल का खेल बंद पड़े मरंगा स्थित राइस मिल, खुश्कीबाग, गुंडा चौक, हंसदा रोड एवं दमका रोड स्थित राइस मिल में चल रहा है। बताया जाता है कि कोसी के जिलों पूर्णिया के अलावा, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा से लेकर खगडिया एवं नवगछिया जिले से हर दिन बड़ी मात्रा में सरकारी अनाज की खेप गुलाबबाग एवं उसके आसपास के इलाकों में स्थित बंद राइस मिलों में हर दिन पहुंचती है।
फर्जी कागजात का करते हैं इस्तेमाल
हर दिन पूर्णिया के बंद राइस मिलों से पचास से ज्यादा ट्रक सरकारी चावल से तैयार ब्रांड के चावल लेकर पश्चिम बंगाल एवं नेपाल भेजे जाते हैं। सबसे हैरत की बात यह है कि इस तरह के माल को फर्जी कागजात के आधार पर आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा भी दिया जाता है।
करोड़ों का सरकारी चावल हुआ था गायब
2014 में पूर्णिया के सरकारी गोदाम से महज दस दिनों में तीन करोड़ मूल्य से ज्यादा का सरकारी अनाज गोदाम से गायब होने का मामला तत्कालीन एसडीओ कुंदन कुमार ने पकड़ा था। इस मामले में तीन एजीएम पर भी कार्रवाई की गाज गिरी थी तथा थाने में मामला भी दर्ज किया गया था।
मगर आज तक पुलिस इस बात का पता नहीं लगा पाई की गोदाम से गायब अनाज कहां गया। बायसी एसडीओ सावन कुमार का कहना है कि बंद राइस मिलों में सरकारी चावल का बोरा बदलकर विभिन्न ब्रांडों के चावल तैयार करने का खेल चल रहा है। जो मामले पकड़ में आये हैं उनमें मिल मालिक के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मामला सामने आने के बाद सभी बंद राइस मिलों की जांच कराई जाएगी।