Faridabad/Alive News : अगर आपको आंखों में दर्द, कम दिखना, सिर में दर्द, अवसाद की समस्या रहती है तो इसे हल्के में न लें। ये एक तरह की बीमारी है जिसे स्क्लेरोसिस कहा जाता है। इस रोग में मल्टीपल स्क्लेरोसिस व्यक्ति के मस्तिष्क और हड्डी में तंत्रिका कोशिकाओं के एक दूसरे से जोड़े रहने की क्षमता को प्रभावित करता है। इस कारण बार-बार दिमाग पर बार-बार अटैक पड़ता है। इस बीमारी में शुरुआत में रोगी के शरीर में सूजन होने लगती है और धीरे-धीरे बॉडी के संतुलन को बिगाडऩा शुरु कर देता है। यह कहना है सेक्टर-16ए स्थित मैट्रो हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ़ रोहित गुप्ता का।
मरीजों को जागरुक करते हुए डॉ़ रोहित गुप्ता ने बताया कि इस रोग में दिमाग के जिस सेल्स पर प्रभाव पड़ता है। उससे संबंधित अंगों पर भी इसका असर दिखने लगता है। यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है, जो ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करती है। इस बीमारी के ज्यादातर मामले में दिमाग और रीढ़ की हड्डी की नसें काम करना बंद कर देती है। इसकी कोई खास वजह नहीं होती है। कुछ मामलों में यह अनुवांशिक भी होता है। पुरुषों के मुकाबले यह रोग महिलाओं में ज्यादा होता है। बीमारी का नजरअंदाज करने में विकलांगता का खतरा रहता है।
उन्होंने कहा कि असर देखने को मिला है कि रोगी को बीमारी या उससे संबंधित डॉक्टर के बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण वे इस बीमारी का सही से इलाज नहीं करवा पाते है। स्क्लेरोसिस में भी ऐसा ही होता है। अगर किसी व्यक्ति को इस बीमारी की शिकायत होती है तो वह नेत्र रोग विशेषज्ञ या ऑर्थोपेडियक डॉक्टर के पास जाता है। जबकि इस तरह के लक्षणों में न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस रोग में लापरवाही बरते बिना रोगी को जल्द से डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर के निर्देशन में दवाईयां लेनी चाहिए।