New Delhi/Alive News : आज यानी रविवार को हरियाली तीज है। आज के दिन करवा चौथ की तरह ही यह व्रत भी सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, दांपत्य जीवन में प्रेम तथा भाग्योदय के लिए निर्जला व्रत करती हैं। अखंड सौभाग्य की कामना से इस दिन भगवान शिव, तीज माता का स्वरूप देवी पार्वती, नंदी और कार्तिकेय के साथ-साथ गणेश जी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए विवाहित महिलाएं इस व्रत को अखंड सुहाग की कामना से और कुंवारी लड़कियां योग्य वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं।
तीज माता की पूजा
इस दिन महिलाएं सुंदर वस्त्र-आभूषण पहन कर मिट्टी या बालू से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं। पूजन में सुहाग की सभी सामिग्री को एकत्रित कर थाली में सजाकर माता पार्वती को चढ़ाना चाहिए। नैवेध में भगवान को घेवर, खीर पूरी, हलुआ और मालपुए से भोग लगाकर प्रसन्न करें। तत्पश्चात तीज माता की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए।
हरा रंग का होता है विशेष महत्व
हरा रंग, खुशहाली, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, पावनता, पारदर्शिता का प्रतीक है। हरा रंग प्रकृति से जुड़ा हुआ है और प्रकृति देवी पार्वती का स्वरुप है। तीज माता की विशेष कृपा पाने के लिए इस दिन हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहननी चाहिए। हरियाली तीज में श्रृंगार का विशेष महत्व है। हरियाली तीज के मौके पर महिलाएं श्रृंगार कर एक जगह एकत्र होकर झूला झूलती हैं और सावन के मधुर गीत गाती हैं।