November 23, 2024

हरियाणा: पारदर्शी मास्क का ट्रायल सफल, कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को रखेगा सुरक्षित

Chandigarh/Alive News: कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताया ज रहा है। प्रदेश सरकार इससे निपटने की तैयारी में जुटी हुई है। वैज्ञानिक भी अपने उपकरणों को धारदार बना रहे हैं जिससे बच्चे कोरोना का डटकर मुकाबला कर सकें। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) ने ट्रांसपेरेंट (पारदर्शी) मास्क का दूसरा नमूना तैयार किया है। इसके जरिए बच्चे अधिक सुरक्षित रह सकेंगे। इसका ट्रायल एक स्कूल में वैज्ञानिकों की टीम ने किया। यह ट्रायल उन बच्चों पर किया गया जो बोल नहीं सकते। इशारों से ही बात करते हैं। इस मास्क को बाजार में उतारने की तैयारी है, जो जून के आखिरी सप्ताह तक आ सकता है।

जानकारी के मुतबिक यह मास्क पॉलीमर से तैयार किया गया था। इसकी खासियत है कि वायरस का प्रवेश उसमें नहीं हो सकता। इसके साथ ही इसमें वाष्प नहीं बनती, लेकिन उसका आकार छोटा था जो पूरे मुंह को कवर नहीं कर पा रहा था। सांस लेते समय मुंह पर अधिक चिपक रहा था। इसी बीच वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की चेतावनी सामने आ गई कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक घातक हो सकती है। उसके बाद यहां के वैज्ञानिकों ने उसी के हिसाब से ट्रांसपेरेंट मास्क को अपग्रेड किया। उसी का अगला नमूना तैयार किया। यह भी पॉलीमर का ही है। इसमें आउट लाइन अल्ट्रासोनिक वेल्डिंग लगी हुई हैं। कई अन्य चीजें भी इसमें लगाई गई हैं।

तीसरी लहर के आने से पहले पूरे देश में मास्क पहुंचने की उम्मीद
मास्क तैयार होने के बाद इसका प्रयोग सेक्टर- 18 स्थित लायन क्लब डीफ एंड डंब स्कूल के छात्रों पर किया गया। बच्चों पर प्रयोग इसलिए किया गया कि मास्क लगाने के बाद उन्हें सांस लेने में तो तकलीफ नहीं है। कई बच्चों पर प्रयोग हुआ और सफल रहा। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले यह मास्क पूरे देश में पहुंचे, ऐसे उम्मीद की जा रही है। इस मास्क की कीमत लगभग 200 से 300 के मध्य रहने की उम्मीद है।

मास्क की खासियत
यह मास्क पारदर्शी है। ऐसे में हर किसी का चेहरा देखा जा सकता है। चिकित्सक कई बार चेहरा देखकर ही मर्ज को पकड़ते हैं। वहां इससे आसानी होगी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल आदि में भी कैमरे की निगरानी में लोग रहेंगे।  पूरा चेहरा कवर करता है। वायरस का प्रवेश इसमें नहीं हो सकता है। इसको 20 से 25 बार आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। साबुन से धोया जा सकता है। सैनेटाइज कर इसे साफ किया जा सकता है। पानी की बूंदें अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगी। मास्क आ अगला अपग्रेडेशन अब स्वास्थ्य जगत के लिए होगा।

कोरोना से सीधा वास्ता स्वास्थ्य जगत का पड़ता है, जिसमें चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी आते हैं। अब उनके लिए इस मास्क को तैयार किया जाएगा यानी इसका अगला नमूना तैयार जल्द होगा। तैयार होने वाले मास्क में एंटीवायरल कोटिंग का प्रयोग किया जाएगा। अन्य चीजों को भी देखा जाएगा यानी एक मास्क ही महीने तक सुरक्षा प्रदान करेगा। यह मास्क सबसे अधिक सुरक्षित होगा।