Chandigarh/Alive News : कोरोना आपदा के दौरान हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में स्टाफ के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की थी। कोरोना के घटते मामलों के बीच अब हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में स्टाफ के लिए लागू रोस्टर प्रणाली को खत्म कर दिया गया है और इसमें दिव्यांग, गर्भवती महिला व गंभीर बीमारियों से पीड़ित स्टाफ को भी कोई छूट नहीं दी गयी है। सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को स्कूल आने के निर्देश जारी कर दिए गए है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निदेशक सेकेंडरी शिक्षा ने सोमवार को इस संबंध में सभी जिला शिक्षा, मौलिक शिक्षा, खंड शिक्षा, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखिया व प्रभारियों को पत्र जारी कर दिया है। इन्हें ही सुनिश्चित करना होगा कि पूरा स्टाफ स्कूल आए और साथ ही शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा स्कूलों में बच्चों का दाखिला प्रतिशत भी बढ़ाना होगा।
शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों व बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करेंगे। उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाएं। इसके साथ ही सरकारी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क कर यह जानेंगे कि उन्होंने दूसरी जगह दाखिला लिया है या पढ़ाई ही छोड़ दी।
शिक्षक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को दोबारा दाखिला लेने के लिए भी प्रेरित करेंगे। इस कार्य की रोजाना रिपोर्ट स्कूल मुखिया को सौंपनी होगी। स्कूल मुखिया इसे जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजेंगे। जिसमें पूरी जानकारी रहेगी कि कितने बच्चों ने सरकारी स्कूल में दाखिला लिया है और स्कूल शिक्षकों ने कितने अभिभावकों से संपर्क किया। बच्चों के स्कूल छोड़ने का कारण क्या रहा। सरकारी स्कूलों में एक साल में चार लाख से अधिक बच्चे कम हुए हैं। जिसके बाद सरकार ने इस संबंध में कड़ा संज्ञान लिया है। सरकार बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारणों का पता करने में लगी है।