November 24, 2024

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने झा आयोग का कार्यकाल बढ़ाने से किया इनकार

Chandigarh/Alive News : हरियाणा के गृह विभाग ने झा आयोग का कार्यकाल बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं झा आयोग का कार्यकाल आगामी 31 अक्तूबर तक है। इस समय अवधि में ही आयेाग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। गृह विभाग ने पहले भी आयोग का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सवाल जवाब किए थे। जिसके बाद सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने भी अपना तर्क दिया था। लेकिन गृह मंत्री अनिल विज ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाने पर आपत्ति दर्ज करवा दी। हालांकि, गृह मंत्री मुख्यमंत्री को सहमत करने में सक्षम रहे और आयोग के कार्यकाल बढ़ाने पर विराम लगा दिया गया।

जानकारी के मुताबिक जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद जांच में जुटे आयोग का कार्यकाल कई बार बढ़ाया जा चुका है। गृह मंत्री अब इस मामले में निष्कर्ष पर आना चाहते हैं। पिछली बार जब आयोग ने समय सीमा बढ़ाने की पेशकश की थी। तब इस फाइल पर गृह मंत्री ने पूछा था कि ऐसा क्यों किया जाए। उन्होंने इस पर टिप्पणी भी की।

बता दें, कि गठन के बाद से ही अब तक कई बार आयोग का समय बढ़ाया जा चुका है। हरियाणा में वर्ष 2016 में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय ने आंदोलन शुरू किया था, लेकिन अचानक इस आंदोलन ने नेतृत्वहीन होकर हिंसा की शक्ल ले ली थी। इसकी वजह से चार दिन तक प्रदेश के आठ जिलों में तोड़फोड़ और लूटपाट हुई थी। इस दौरान संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ और 32 लोगों की मौत हो गई थी।

इस पूरे मामले में आंदोलन के दौरान राज्य सरकार के अफसरों और कर्मचारियों की भूमिका की पड़ताल के लिए यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की अगुवाई में कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 13 मई, 2016 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इसमें अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे जिसके बाद कई अफसरों पर गाज गिरी थी। कुछ वक्त बाद प्रकाश सिंह कमेटी पर विवाद खड़ा हो गया। इस पर विपक्ष की ओर से कई सवाल खड़े किए गए।

इस मामले में चारों ओर से घिरी भाजपा सरकार ने मामले की जांच के लिए झा आयोग बना दिया। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएन झा की अगुवाई में बने इस आयोग का मुख्यालय गुरुग्राम में बनाया गया है। अब इस मामले में झा आयेाग की रिपोर्ट आने का इंतजार है।