Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार ने विजिलेंस को लेकर अहम फैसला लिया है। भ्रष्टाचार के मामलों में छापे, तलाशी और ट्रैप लगाने के दौरान अब गवाह मौजूद रहेगा। अभी तक यह व्यवस्था नहीं थी। मुख्य सचिव संजीव कौशल की तरफ से विजिलेंस के अवर सचिव ने शुक्रवार को नए आदेश जारी कर दिए। विजिलेंस को कार्रवाई से पहले गवाह के लिए डीसी से आग्रह करना होगा।
डीसी गवाह बनने के लिए राजपत्रित अधिकारी की ड्यूटी लगाएंगे। जिस भी अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाएगी, वह उसे निभाने से इन्कार नहीं कर सकेगा। संबंधित राजपत्रित अधिकारी के मौजूद न रहने को आदेश का उल्लंघन मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और डीसी को पत्र जारी करते हुए कहा है कि इस संबंध में अब पुराना कोई आदेश लागू नहीं होगा। 15 अक्तूबर 2008 और 25 अप्रैल 2022 को भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई के लिए जारी दिशा-निर्देश रद्द माने जाएंगे।
ऐसे रहेगी व्यवस्था
ट्रैप के मामले में पैसे के लेनदेन के दौरान और संदिग्ध सरकारी कर्मचारी के साथ विजिलेंस के अधिकारियों की बातचीत सुनने के लिए जिम्मेदार, निष्पक्ष राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहेगा। यह एक या उससे अधिक भी हो सकते हैं।आपराधिक कार्यवाही और तलाशी के दौरान भी गवाह मौजूद रहेगा। यह राजपत्रित अधिकारी उस क्षेत्र का होगा जहां छापा मारा जाएगा और मामला दर्ज होगा। बिना राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी के ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। डीसी से समय रहते गवाह लगाने का आग्रह किया जाएगा।
कार्रवाई पर उठे सवाल
भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस ने बीते कुछ समय से शिकंजा कसा है। इसके बावजूद अनेक मामलों में कार्रवाई पर सवाल भी उठे और सरकार के पास शिकायतें पहुंची हैं। इन शिकायतों पर गौर करते हुए निर्णय लिया गया कि भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई पर आरोपों की गुंजाइश ही नहीं रहनी चाहिए।