May 4, 2024

हरियाणाः भ्रष्टाचार में फंसी एचसीएस व डेंटल सर्जन की परीक्षाएं रद, अब नए सिरे से होंगे एग्जाम

Chandigarh/Alive News: पिछले साल सितंबर में आयोजित हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) की कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाएं के 156 पदों की प्रारंभिक परीक्षा और डेंटल सर्जन के 81 पदों की लिखित परीक्षा को प्रदेश सरकार ने रद कर दिया है। हरियाणा लोक सेवा आयोग के उपसचिव पद से बर्खास्त किए गए HCS अधिकारी अनिल नागर के समय में यह परीक्षाएं हुईं थी। आरोप है कि करोड़ों रुपये का लेन-देन कर अपात्र उम्मीदवारों को परीक्षा पास कराई गई।

डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा अब नए सिरे से 19 जून और HCS की प्रारंभिक परीक्षा 10 जुलाई को होगी। केवल वही उम्मीदवार इन परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे, जिन्हाेंने भर्ती निकलने के दौरान आवेदन किया था।HPSC ने सोमवार को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए। पिछले साल 12 सितंबर को 13 जिलों में 538 परीक्षा केंद्रों पर HCS प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में एक लाख 42 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था जिनमें से करीब 74 हजार ने परीक्षा दी।

इसी तरह पिछले साल 26 सितंबर को डेंटल सर्जन के 81 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद में HPSC के तत्कालीन उप सचिव अनिल नागर के साथ ही भिवानी के नवीन तथा झज्जर के अश्विनी शर्मा को नौकरियों के लिए मोटी रकम लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। विजिलेंस पूछताछ में तीनों ने माना कि डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए कई उम्मीदवारों से सेटिंग की गई। HCS प्री-एग्जाम को पास करवाने के लिए भी सौदा हुआ था।

अनिल नागर की अपनी भर्ती पर चल रहा केस
अनिल नागर जिस भर्ती के जरिये HCS बने थे, वह भी विवादों में है। पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला सरकार में वर्ष 2004 में संपन्न हुई भर्ती प्रक्रिया में चयनित अभ्यर्थियों को पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार ने नियुक्ति नहीं दी थी। इसके बाद मनोहर सरकार ने पहली पारी में वर्ष 2016 में 102 उम्मीदवारों में से 38 को ज्वाइन करवाया था।

इनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिन 38 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे, उनमें HCS कार्यकारी शाखा के 23 चयनित उम्मीदवार शामिल थे। उनमें से 19 ने ही ज्वाइन किया था।

विधानसभा से लेकर सड़कों तक रही घोटाले की गूंज
HCS की प्रारंभिक परीक्षा और डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा से लेकर सड़कों तक गूंजा। तब हरियाणा लोक सेवा आयोग विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया था। HPSC मुख्यालय के सामने आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने प्रदर्शन कर रोष मार्च निकाला था और गोबर व गोमूत्र से आयोग के कार्यालय को पवित्र किया था।

नवीन जयहिंद नोटों से भरा सूटकेस तक लेकर विधानसभा पहुंच गए थे। इसके बाद वह कई जिलों में गए और सूटकेस व गोबर के साथ प्रेस कान्फ्रेंस की। नवीन जयहिंद के आंदोलन के बाद बाकी दलों कांग्रेस, इनेलो व एनएसयूआइ को सड़कों पर आना पड़ा था। सरकार ने HCS अनिल नागर को बर्खास्त करते हुए पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठा दी थी।