Chandigarh/Alive News: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं डगमगाती नजर आ रही हैं। पीजी पॉलिसी, स्पेशलिस्ट कैडर और एसएमओ की सीधी भर्ती पर स्थायी रोक की मांगें पूरी नहीं होने से परेशान प्रदेश के चिकित्सकों ने सरकार को 10 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। मांगें पूरी नहीं हुई तो 11 जनवरी को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक यह फैसला एससीएमएस (हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेस) एसोसिएशन ने लिया है। इसके दो दिन बाद भी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं रोक दी जाएंगी। इससे स्वास्थ्य विभाग व सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कोविड टीकाकरण भी प्रभावित होगा। पिछले काफी समय से अपने हक के लिए सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे प्रदेश के एचसीएमएस चिकित्सकों ने अब आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है।
सरकार से तीन दौर की वार्ता के बाद मिले आश्वासन के बावजूद मांगें पूरी नहीं हुई हैं। इससे आहत चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवाएं रोकने का फैसला लिया है। एचसीएमएस एसोसिएशन ने पीजी पॉलिसी, स्पेशलिस्ट कैडर व एसएमओ की सीधी भर्ती पर स्थायी रोक की मांग को लेकर मंगलवार को चिट्ठी भेजी है। इसमें साफ कहा गया है कि सरकार के आश्वासन पर एसोसिएशन ने एक जनवरी तक इंतजार किया। इस समय तक भी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। 13 दिसंबर को हुई बातचीत में सरकार से 31 दिसंबर तक समस्या के समाधान का आश्वासन मिला था।
इससे पूर्व भी सरकार के साथ हुई बातचीत में केवल आश्वासन ही मिला है। इसलिए एसोसिएशन ने बैठक कर आरपार की लड़ाई का फैसला लिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को 10 जनवरी तक चिकित्सकों की मांगें पूरी करने का समय दिया गया है। इसके बाद 11 जनवरी को ओपीडी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। सरकार ने इसके दो दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की तो 14 जनवरी से आपातकालीन सेवाओं समेत सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।