Chandigarh/Alive News: हरियाणा की हवा एक बार फिर से खराब हो गई है। हरियाणा मंगलवार को देश का सर्वाधिक प्रदूषित राज्य रहा और देश के सबसे प्रदूषित शहरों में जींद पहले और मानेसर दूसरे स्थान पर रहा। दोनों स्थानों का वायु गुणवत्ता सूचकांक क्रमश: 428 और 410 रहा। उधर, 403 एक्यूआई के साथ दिल्ली तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। छह शहरों की हवा खराब श्रेणी में रही। 111 एक्यूआई के साथ पंचकूला की हवा संतोषजनक रही।
बीते दो दिनों से बहुत खराब श्रेणी में चल रही दिल्ली की हवा मंगलवार को खिसककर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। एनसीआर के अन्य शहरों में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि हवा बहुत खराब श्रेणी में ही बनी रही। सफर के मुताबिक हवा की धीमी रफ्तार के कारण मंगलवार रात से ही हवा की सेहत बिगड़ना शुरू होगी और बुधवार शाम तक इसके हालात बदतर रहेंगे। इससे बुधवार को दिनभर स्मॉग की चादर छाई रह सकती है। आगामी 18 नवंबर के बाद हवा की सेहत सुधरने के आसार हैं।
बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवानी, चरखीदादरी, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, फतेहाबाद, हिसार, मंडीखेड़ा, नारनौल, पानीपत, रोहतक, सिरसा और सोनीपत। इन शहरों का एक्यूआई 300 से 400 के बीच रहा। अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पलवल और यमुनानगर। इन शहरों का एक्यूआई 200 से 300 के बीच रहा। सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने व करीब 50 लाख के करीब जुर्माना लगाने के बाद भी हरियाणा में धान की पराली जलाना जारी है।
हरियाणा अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र के अनुसार सोमवार को फसल अवशेष जलाने के 129 नए मामले सामने आए। जिससे राज्य में 15 सितंबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने के 5724 मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि इस साल फसल अवशेष जलाने की संख्या पिछले साल से कम है। प्रदेश में अब तक 94 लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अकेले करनाल जिले में 84 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 2379 किसानों पर 49.87 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है।