November 25, 2024

बडखल विधानसभा क्षेत्र में एक सप्ताह तक मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा महोत्सव

Faridabad/Alive News : बडखल विधानसभा क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा महोत्सव एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। इसी श्रृंखला में बडखल विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा ने आज बडखल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न धर्म गुरुओं की दहलीज पर जाकर माथा टेका और देश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कोविड-19 के संपूर्ण विवश की कामना की। इस दौरान विधायक ने धर्मगुरुओं और संतों के चरणों में अपना सिर नवाकर सभी संतों व महापुरुषों का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

विधायक सीमा त्रिखा ने आज सूरजकुंड रोड स्थित श्री सिद्धदाता आश्रम में स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज, मंदिर श्री पीर मोती नाथ महाराज मार्केट नंबर 1 में पीर जगन्नाथ, मंदिर जगद्गुरु भगवान लाल महाराज में गोस्वामी किशनलाल व गोस्वामी जयलाल, मंदिर जगद्गुरु रतनलाल महाराज में गोस्वामी श्यामलाल महाराज, शिवालय मंदिर नंबर 2 में महंत बसंतलाल, मंदिर जगद्गुरु वेद प्रकाश महाराज में भूषण बाली व उमेश बाली, गोस्वामी योगेश बाली तथा मंदिर जगद्गुरु धाम गाँव अनखीर में ब्रिजांशुजी महाराज के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया।

इस दौरान विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि बडखल विधानसभा क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा महोत्सव एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष ऋषि-मुनियों की धरती है, थी और हमेशा बनी रहेगी। आज ऋषि-मुनियों के योग की बदौलत से भारत देश को पूरा विश्व योग गुरु मान रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में प्रदेश में ऋषि-मुनियों राष्ट्रहित में बेहतरीन कार्य करने पर उन्हें सम्मानित किया जा रहा है तथा समाज के उत्थान में इसी तरह भविष्य में भी जुटे रहने का आह्वान किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक त्रिखा ने सभी को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरु दो अक्षरों से मिलकर बनता है जिसमें गु का अर्थ है अज्ञान एवं रु का अर्थ है दूर करने वाला अर्थात गुरु का अर्थ है अज्ञान को दूर करने वाला। इसलिए हमें माता-पिता तथा गुरुजनों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनके बताए पथ पर आगे बढ़कर अपने माता-पिता एवं गुरुजनों नाम उज्ज्वल करने की कोशिश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु हमें सदमार्ग पर चलना सिखाते हैं, इसलिए गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा माना गया है। आज के समाज में ऐसे गुरु की जरूरत है जो शिष्य के विकारों को दूर कर सके।
रीटा गोस्वामी, कमलेश भाटिया, रूद्रदेव शर्मा मोंटू, संदीप नागपाल, ज्ञानी प्रधान तथा सरदार मनजीत सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।