May 5, 2024

गुजरात ने मप्र को एक्स्ट्रा पानी देने से किया इंकार

Bhopal/Alive News : पानी की कमी से जूझ रहे मप्र ने गुजरात को 15 मार्च तक 1000 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी देने से मना कर दिया है। कहा है कि इंदिरा सागर बांध से रोजाना 14 एमसीएम पानी दिया जा रहा है। आगे भी इतना ही दे पाएंगे। सरदार सरोवर नर्मदा नदी पर गुजरात में बना है। खंडवा स्थित इंदिरा सागर बांध से अक्टूबर 2017 से प्रतिदिन 14 एमसीएम पानी विद्युत उत्पादन के जरिए छोड़ा जा रहा है। यह ओंकारेश्वर होते हुए गुजरात जाता है। इस साल बारिश कम होने से इंदिरा सागर बांध फुल टैंक से 8 मीटर कम भर पाया था। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रजनीश वैश का कहना है कि 2012 के बाद ऐसी स्थिति बनी है। इसके बाद भी गुजरात को 14 एमसीएम पानी दिया जा रहा है। अतिरिक्त पानी चाहिए तो वह सरदार सरोवर बांध से लें।

बड़ा सवाल…. इतने कम पानी में कैसे चलेंगी नावें

यह है महेश्वर में नर्मदा का दृश्य। पिछले साल गर्मी में भी यहां लबालब पानी था। इस साल अभी से नर्मदा सूख चुकी है। यहां 23 से 25 फरवरी तक नेशनल चैंपियनशिप होनी है। लेकिन चट्टानों के बीच नाव नहीं चल सकती। भारतीय कयाकिंग व केनोइंग संघ ने खरगोन व खंडवा प्रशासन को पत्र लिखा है कि नदी का जलस्तर नहीं बढ़ाया गया तो नावें चट्टानों से टकराएंगी। खिलाड़ियों के घायल होने का भी खतरा है। चैंपियनशिप में इस बार मप्र के अलावा बीएसएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ, केरला, जम्मू-कश्मीर आदि टीमें शामिल होंगी।

इंदिरा सागर : 251.94 मीटर

फुल टैंक (262.13) से करीब 10 मीटर नीचे 251.94 मीटर। 125 मेगावाट की 8 इकाइयां इस साल एक बार भी पूरी नहीं चल पाईं। डेड लेवल 243.23 मी. है। उपयोग के लिए सिर्फ 5 मीटर पानी बचा। गुजरात के लिए छोड़ने के बाद मप्र की जरूरत भर का।

बरगी बांध : 418.89 मीटर

यह भी इस बार पूरा नहीं भरा। फुल टैंक लेवल 422.76 मीटर। अभी 418.89 मीटर पर। प्रतिदिन 2 एमसीएम तक पानी विद्युत उत्पादन के जरिए छोड़ा जा रहा है। 403.55 मीटर इसका डेड लेवल है। लेकिन इस लेवल पर नहीं ले जा सकते।

ओंकारेश्वर बांध : 192.90 मीटर

फुल टैंक लेवल 196.60 मीटर। डेड लेवल 193.54 मीटर है, जबकि यह डेड लेवल से नीचे 192.90 मीटर पर पहुंच चुका है। 65 मेगावाट की 8 इकाइयों में से 6 ही चल पा रही हैं।

गुजरात को इसलिए देना पड़ रहा पानी
…क्योंकि ट्रिब्यूनल से एक तिहाई पानी देने का आदेश है
नर्मदा वाटर डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल ने 1979 में आदेश पारित किया कि नर्मदा के कुल जल में से एक तिहाई पानी का गुजरात हकदार है। कुल पानी में से 18.25 मिलियन एकड़ फीट पानी मप्र और 9 मिलियन एकड़ फीट पानी गुजरात को मिलेगा।

17 साल में पहली बार…नर्मदा बांध का 88 मीटर तक पानी प्रयोग कर सकेगा गुजरात

गांधीनगर | नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने बांध के डेड स्टोरेज वॉटर (110.66 मीटर से नीचे का पानी) के प्रयोग की मंजूरी दे दी है। इसके लिए 17 साल में पहली बार सरदार सरोवर की इरीगेशन बायपास टनल (आईबीपीटी) का प्रयोग किया जाएगा। इस तरह 110 से लेकर 88 मीटर जलस्तर तक का पानी प्रयोग में लिया जा सकेगा। 31 जुलाई तक ये जलराशि प्रयोग में लेने की इजाजत मिली है। गुजरात में मानसून 15 जून तक सक्रिय होता है। इसलिए कहा जा सकता है कि जलकपट के चलते गुजरात पर मंडरा रहा जल संकट का खतरा टल गया है।