May 5, 2024

अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने करनाल में बंद की इंटरनेट सेवा

Chandigarh/Alive News : अपनी मांगों को लेकर करनाल में आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को प्रशासन के साथ वार्ता विफल होने के बाद से करनाल स्थित लघु सचिवालय के बाहर पक्का मोर्चा लगा दिया है। वहीं अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने गुरुवार को भी करनाल में इंटरनेट सेवाएं ठप रखी है।

वहीं जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम को बैठक बेनतीजा रहने के बाद किसानों के अधिकतर बड़े नेताओं ने भी बेमियादी धरने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पहले से चल रहे धरनों की ओर कूच गए। करनाल में धरने की जिम्मेदारी पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उतर प्रदेश के किसानों को दी गई है।  

वहीं किसानों और सरकार का यह अड़ियल रवैया स्थानीय लोगों के लिए जरूर परेशानी का सबब बन गया है, क्योंकि लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने तंबू गाड़ लिया है और इस ओर आने वाले तमाम रास्ते पहले ही प्रशासन ने सील कर दिए हैं। मंगलवार को भी आवाजाही खासी प्रभावित रही है और लोग वैकल्पिक रास्तों पर भटकते नजर आए।

किसानों की पूर्व मांगों के साथ-साथ जिन नए मुद्दों पर करनाल का यह नया आंदोलन खड़ा किया गया है। उस पर अभी तक समझौते के आसार कम ही दिख रहे हैं। 28 अगस्त के लाठीचार्ज के बाद किसानों ने इस आंदोलन में जिन मांगों को बुलंद कर रखा है, उन्हें सरकार जायज नहीं मानती। लेकिन किसानों ने इस आंदोलन को अब ‘न्याय की जंग’ करार दे दिया है। मंगलवार को दूसरी बार किसानों से बातचीत में भी आला अफसरों ने किसानों से इन्हीं मांगों पर समझौता करने का खासा प्रयास किया। बैठक के बीच कई बार अफसरों ने चंडीगढ़ सरकार से निर्देश लेते हुए किसानों को मनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। मगर कोई हल नहीं निकला है।