December 23, 2024

500 से ज्यादा कार चोरी करने वाले गैंग का हुआ भंडाफोड़, दो आरोपी गिरफ्तार

New Delhi/Alive News : दिल्ली-एनसीआर में 500 से ज्यादा कारें चोरी करने वाले चोर गैंग का खुलासा हुआ है। पुलिस ने गाजियाबाद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर दस कार, 30 गाड़ियों के ईसीएम, तीन कटे इंजन बरामद किए गए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक यह गैंग उसी कार को चुराता था, जिसकी कबाड़ियों द्वारा डिमांड की जाती थी। इसके बाद एक्सीडेंटल व पुरानी गाड़ियों के दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए यह चोरी की गई गाड़ियों के नंबर बदलकर उन्हें 4 से 5 लाख रुपये में लोगों को बेच दिया दिया करते थे। फिलहाल सरगना समेत सात आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। गैंग पकड़ने वाली टीम को एसएसपी ने 25 हजार का इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस ने थाना नरसैना, बुलंदशहर के गांव गेसूपुर निवासी प्रदीप कुमार उर्फ पिंटू व थाना नंदनगरी, दिल्ली के सुंदर नगरी निवासी अजीम को गिरफ्तार किया है। प्रदीप वर्तमान में सिहानी गेट के नेहरू नगर में रहता है। 

इनके अलावा ट्रोनिका सिटी के मीरपुर निवासी वसीम, सुंदर नगरी दिल्ली निवासी याकूब व फेमू, सोतीगंज मेरठ निवासी इमरान, लोनी निवासी नूर मोहम्मद, थाना खरखौदा सोनीपत के गांव रोहणा निवासी संजय दहिया और अशोक विहार लोनी निवासी जाहिद अभी फरार हैं।

गाड़ी में अपना ईसीएम कनेक्ट कर गाड़ी स्टार्ट करते थे। आरोपी
एसपी ग्रामीण के मुताबिक आरोपी या तो अनपढ़ हैं या कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन इन्होंने गाड़ियों से ईसीएम कनेक्ट करने की ट्रेनिंग ले ली है। गाड़ी की ऑन डिमांड चोरी करते समय वह उस कंपनी और मॉडल का ईसीएम अपने साथ ले जाते थे।

इसके बाद गाड़ी का ईसीएम निकालकर वह अपने ईसीएम को लैपटॉप के जरिए कनेक्ट कर लेते थे और फिर अपनी चाबी से गाड़ी को स्टार्ट कर चुरा लेते थे। आरोपियों के पास से 30 गाड़ियों की ईसीएम मिली हैं।

वाहन चोर गैंग में मेरठ और दिल्ली के कबाड़ी ज्यादा शामिल हैं। कबाड़ी पुरानी व एक्सीडेंटल गाड़ियों को खरीदकर अपने नाम करा लेते थे। इसके बाद उन गाड़ियों को काटकर पार्ट्स बेचते थे। साथ ही काटी गई गाड़ियों के मॉडल की गाड़ी चुराकर उसके इंजन व चेसिस नंबर बदलकर बेच देते थे।

बेचते समय गैंग काटी गई गाड़ी के दस्तावेज देते थे। मॉडल के अलावा इंजन व चेसिस नंबर समान होने के कारण गैंग आरटीओ दफ्तर से गाड़ी को खरीदार के नाम भी करा देते थे। आरोपी 4 से 5 लाख रुपये में एक कार बेचते थे।