Faridabad/Alive News: उपायुक्त विक्रम ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर को पोषण माह के तौर पर मनाया जाएगा, जिसमें जिला, तहसील और आंगनवाडी केंद्र पर पूरा महीना कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को फरीदाबाद जिला में भी गंभीरता से लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश में प्रत्येक आंगनवाडी केंद्र के दायरे में पांच घरों में पोषण वाटिका स्थापित करते हुए सवा लाख घरों को कवर किया जाएगा। उपायुक्त विक्रम बुधवार को लघु सचिवालय में पोषण माह की तैयारियों को लेकर समीक्षा मीटिंग आयोजित कर रहे थे।
उपायुक्त विक्रम ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने विभाग की आयुक्त व सचिव अमनीत पी कुमार व निदेशक हेमा शर्मा के साथ चर्चा उपरांत पोषण माह का शैड्यूल जारी किया। उन्होंने कहा कि कहा कि बीते सालों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के स्तर की खाई को पाटने में गंभीरता से काम किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन के माध्यम से महिला और बच्चों में पोषण स्तर बेहतर करने का जो संकल्प लिया गया था, उसमें हरियाणा की भूमिका बेहतर है। उन्होंने कहा कि एक सिंतबर से पूरा महीना पोषण माह का आयोजन प्रदेश भर में किया जाएगा, जिसमें सवा लाख घरों में पोषण वाटिका स्थापित करने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक सितंबर को प्रदेश व जिला स्तर पर पोषण एंथम, पोषण शपथ का आयोजन होगा।
इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से आगामी दिनों में अति कुपोषित बच्चों का चयन करते हुए उन्हें सामान्य श्रेणी में लाने पर काम किया जाएगा। आंगनवाडी केंद्रों पर महिला गोष्ठियों, नुक्कड नाटकों के माध्यम से बच्चों की विकास वृद्धि की निगरानी, खान-पान की अच्छी आदत व डाइट पर जागरूकता अभियान, लिंग भेद की खाई को पाटने, कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य जांच शिविर, एनीमिया को खत्म करने के लिए आयुष विभाग के माध्यम से शिविरों का आयोजन और पोषण मेलों के माध्यम से स्थानीय पोषक खाने के प्रति जागरूकता लाने के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महिला एवं बाल विकास की कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने बताया कि हरियाणा में गर्भवति महिलाओं में एनिमिया की दर 58 प्रतिशत है जबकि फरीदाबाद में यह स्थिति बेहतर है और यहां आंकड़ा 38 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में 550 कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया था और इनमें से अब 15 ही कुपोषित बचे हैं। यह आंकड़ा नवजात बच्चों के साथ बढ़ता और घटता रहता है।
उन्होंने बताया कि खेलो और पढो अभियान के तहत स्तनपान व अतिरिक्त पोषक तत्वों की जागरूकता, स्वस्थ माता-स्वस्थ बालक अभियान के तहत गोष्ठी का आयोजन, महिलाओं में निजी स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान, पोषण के पांच सूत्र के तहत हराभरा हरियाणा अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आंगनवाडी केंद्र, विद्यालय और सरकारी भवनों में पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान आंगनवाडी केंद्रों पर प्रभात फेरी भी निकाली जाएंगी, इसमें जल संरक्षण, मां की रसोई, विस्थापितों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर, नवजात बच्चों व दूध पिलाने वाली माताओं को पोषण स्तर बढाने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को पोषण माह की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं और आला अधिकारी भी जिला व आंगनवाडी स्तर पर जाकर कार्यक्रमों में भागीदारी भी करेंगी। उन्होंने प्रदेश के सामाजिक, धार्मिक व शैक्षणिक संगठनों से आह्वान किया है कि पोषण माह अभियान में अपनी भागीदारी करें, ताकि हर घर को पोषण माह के उद्देश्यों से अवगत करवाया जा सके।